संजीव सिंह ने आगे कहा, ‘हम एक अप्रैल से BS-6 पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करने के लिए काम कर रहे हैं। करीब सभी रिफायनरीज ने BS-6 ईंधनों की आपूर्ति शुरू कर दी है और यह ईंधन देश भर में भंडार डिपो तक पहुंचाए जा रहे हैं।’ सिंह ने कहा कि दुनिया का सबसे स्वच्छ पेट्रोल-डीजल भंडार डिपो से पेट्रोल पंपों तक भी पहुंचने लगा है और आने वाले कुछ हफ्तों में सिर्फ स्वच्छ पेट्रोल-डीजल ही बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।
कैसा होगा नया पेट्रोल-डीजल
इस नए उत्सर्जन मानक की खासियत यह है कि इस मानक वाले पेट्रोल-डीजल में सल्फर की मात्रा सिर्फ 10 पीपीएम होती है। बीएस-6 स्टैंडर्ड वाले ईँधन को सीएनजी की तरह स्वच्छ माना जाता है। सिंह के अनुसार, इस मानक वाले ईंधन से बीएस-6 वाहनों का नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन पेट्रोल कारों में 25 फीसद तक और डीजल कारों में 70 फीसद तक घट जाएगा।
आपको बता दें कि भारत ने साल 2010 में बीएस-3 स्टैंडर्ड को लागू किया था। इसके सात साल बाद देश ने बीएस-4 उत्सर्जन मानक को अपनाया। बीएस-4 के तीन साल बाद अब हमारा देश बीएस-6 उत्सर्जन मानक को अपनाने जा रहा है। सरकारी परिशोधन कंपनियों ने इस नए उत्सर्जन मानक के अनुकूल ईंधन तैयार करने के लिये करीब 35 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है।