जयपुर: बढ़ती टेक्नोलॉजी ने आम लोगों के जितनी सुविधा मुहिया करवाई है उससे ज्यादा उनके लिए मुसीबत बन गई है। फ्रांस के एक रिसर्चर ने भारतीयों के डाटा लीक को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। रिसर्चर ने दावा किया है कि भारतीय सरकारी गैस कंपनी इण्डेन की लापरवाही से इसके 58 लाख से ज्यादा ग्राहकों के आधार नंबर और अन्य डेटा लीक हो गए।
रिसर्चर बैपटिस्ट रॉबर्ट ने मंगलवार को एलियट एल्डरसन नाम के ट्विटर हैंडल पर बताया कि लोकल डीलर्स के पोर्टल पर सत्यापन नहीं होने की वजह से इण्डेन के ग्राहकों के नाम, पते और आधार नंबर लीक हो रहे हैं। रॉबर्ट पहले भी आधार से जुड़े कई खुलासे कर चुके हैं।
अगर रॉबर्ट का दावा पक्का है तो आपको बता दें 11 महीने के अंदर यह दूसरी बार है जब इण्डेन गैस के ग्राहकों का डेटा लीक हुआ है। इससे पहले मार्च 2018 में ग्राहकों की जानकारी लीक होने की खबर मिली थी।
It’s time to publish the details of the biggest #DataLeak I had to deal with. @IndianOilcl leaked #Aadhaar numbers: 6,700,000 Aadhaar numbers https://t.co/QJaDZlOBcR
— Elliot Alderson (@fs0c131y) February 19, 2019
इस तकनीक से किया डाटा लीक
रॉबर्ट के मुताबिक पाइथन स्क्रिप्ट नाम के तकनीकी कोड के जरिए उन्होंने 11,000 डीलर्स के लॉगिन आईडी हासिल कर लिए। इनमें से 9,490 डीलर से जुड़े 58 लाख 26 हजार 116 ग्राहकों के डेटा अगले 1-2 दिन में ही एक्सेस हो गए। बाद में इण्डेन ने आईपी एड्रेस ब्लॉक कर दिया था।
रिसर्चर के मुताबिक आईपी एड्रेस ब्लॉक होने की वजह से वो बाकी 1,572 डीलर की जांच नहीं कर पाए। लेकिन, इनसे जुड़े ग्राहकों को भी शामिल किया जाए तो कुल 67 लाख 91 हजार 200 ग्राहकों का डेटा लीक हो सकता था।
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