राम नाम सत्य और अल्ला हू अकबर संग निकली अनोखी शवयात्रा, ये था बड़ा कारण

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उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद में काठगर इलाके में अनोखे तरीके का अंतिम संस्कार देखा गया। जो देखते ही देखते काफी सुर्खियों बटोरने लगा। इस अंतिम संस्कार में गम भी था तो एक अनोखा सदेंश भी। दरअसल ये अंतिम संस्कार 24 साल के मानसिक रोगी एक शख्स का था।

जिसकी शवयात्रा में ‘अल्ला हू अकबर’ तो ‘राम नाम सत्य है’ के बोल सुनाई दे रहे थे। शवयात्रा निकाले जाने के समय भीड़ में दोनों ही समुदाय के लोग मौजूद थे। पुलिस भी इस दौरान मौके पर थी, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। शवयात्रा जब निकाली जा रही थी, तब सैकड़ों लोग अपने घरों से बाहर आ गए थे। लोग राम नाम सत्य के साथ अल्ला हू अकबर के नारे लगाते उसे श्मशान घाट तक ले गए।

क्यों निकाली दो समुदायों ने शवयात्रा-
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, यह मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले का है। यहां के डीएसपी एस.के गुप्ता ने इस बारे में बताया, “दास सराय में रहने वाले राम किशन सैनी के परिवार ने दावा किया कि रिजवान उर्फ चमन उनका बेटा था। वह 2009 से लापता था। 2014 में वह उन्हें दास सराय से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर मिला था। इसी बीच, असालतपुरा में रहने वाले सुभान अली के परिवार ने भी कहा कि वे भी बीते पांच सालों से उस मानसिक तौर पर अस्वस्थ युवक की देखभाल कर रहे थे। बाद में उन्होंने ही उसका नाम रिजवान रखा था।”

गांव में इसी मसले पर तब पंचायत की एक बैठक भी हुई थी। उसमें फैसला हुआ था कि दोनों परिवार रिजवान उर्फ चमन का ख्याल रखेंगे। महीने के वह 15-15 दिन वह दोनों परिवारों के पास बारी-बारी से रहेगा और अब मौका था अंतिम संस्कार का जब दोनों समुदाय का आमने-सामने आना तय था।

हिंदू परिवार जब मृतक के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था, तभी इसकी खबर सुभान के परिवार को मिली। उन्होंने दावा किया कि शख्स को मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार दफनाया जाएगा, जिस पर दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए। पुलिस को इसके बाद हस्तक्षेप करना पड़ा और दोनों समुदायों ने मिल-जुल कर अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।

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