औद्योगिक नगरी को आगे बढ़ाना है तो शांति व्यवस्था बेहद जरूरी – कलक्टर

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शाहपुरा-जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर शिवप्रसाद एम नकाते की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में आने वाले त्यौहारों के मद्देनजर जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने व कोरोना गाईडलाइन के अनुसार त्यौहार मनाए जाने पर विचार विमर्श हुआ। जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा, एडीएम सिटी एनके राजोरा, एएसपी गजेंद्र सिंह जोधा सहित शांति समिति के सदस्य एवं अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला कलक्टर ने कहा कि औद्योगिक नगरी भीलवाड़ा को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना है तो शांति व्यवस्था सबसे जरूरी है। कानून व्यवस्था बनी रहने और सौहार्द्र कायम रहने से आर्थिक विकास तेजी से होता है। उन्होने केंद्र व राज्य सरकार की कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन की पालना करते हुए घर में रह कर त्यौहार मनाने की अपील करते हुए कहा कि शांति समिति के सभी सदस्य समाज में इस बात को प्रभावी ढंग से रखें ताकि सकारात्मक माहौल बनें। कानून व्यवस्था बनाएं रखना सामुहिक जिम्मेदारी है। ऐसे प्रयास किए जाएं कि छोटी-छोटी बातों पर सद्भाव नहीं बिगड़ें।
अति आवश्यक कार्य के लिए ही निकलें घर सेः
जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने कहा कि लाॅकडाउन में छूट घूमने-फिरने के लिए नहीं बल्कि
अति-आवश्यक कार्यों व आर्थिक गतिविधियों के लिए दी गई हैं। ऐसे में अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलें एवं अन्य लोगों को भी घर में रहने के लिए प्रेरित करें। शादी व मृत्यु संबंधी कार्यक्रमों में उपस्थिति की संख्या निर्धारित की गई है उसकी पालना करनी है। साथ ही सार्वजनिक आयोजनों से बचते हुए त्यौहार मनाने हैं। उन्होनें सभी से आग्रह किया कि वे हेलमेट अभियान में सहयोग देते हुए जिले वासियों को हेलमेट पहनने व सीट बेल्ट बांधने की सलाह दें।
सदस्यों ने दिया सहयोग का आश्वासन, दिए सुझावः
समिति के सदस्यों ने कलक्टर व एसपी की अपील पर सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया और
अपने सुझाव भी दिए। विहिप के राजेश प्रजापत ने भीलवाड़ा के सौहार्द्र के इतिहास का संदर्भ देते हुए सभी त्यौहार भाइचारे के साथ मनाने का आश्वासन दिया। द्वारिकाधीश गौशाला काछोला के एमपी सोनी ने सड़क पर घूमते निराश्रित पशुओं के संबंध में ठोस उपाय करने की आवश्यकता जताई। पार्षद मोहम्मद आसिफ ने कहा कि कोरोना काल में पड़ौसी धर्म का असली मर्म समझ में आ गया है। राखी के त्यौहार पर हिंदू-मुस्लिम भाई-बहन एक-दूसरे को राखी बांधे तो त्यौहारों का असली महत्व सिद्ध हो सकेगा।
बैठक में अवैध बजरी परिवहन, गणेशोत्सव पर आयोजन नहीं होनें, ईद पर सामुहिक नमाज नहीं पढ़ने,
शहर में पार्किंग व्यवस्था को लेकर भी सुझावों पर चर्चा की गई।

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