बच्चों को बचपन से ही गुरबाणी से जोडे़ तो बुराइयों से लड़ने में बनेंगे सक्षम

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हनुमानगढ़। श्री गुरुनानक देव के प्रकाशोत्सव पर आयोजित नगरकीर्तन का जगह जगह पुष्पवर्षा से स्वागत हुआ। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया में पांच प्यारों की अगुवाई में सजाए गए नगर कीर्तन दरबार में शीश नवाने के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। संगत ने पूरे उत्साह के साथ नगर कीर्तन में अपनी हाजिरी लगाई। वार्ड पार्षद स्वर्ण सिंह, मिलखराज, जसविन्द्र सिंह धालीवार, जसवीर सिंह, सत्यवान, तरसेम कांसल, मोहन सिंह, सरबजीत कौर, हरपाल कौर, मक्खन सिंह, सुखचौन सिंह, जसकरण सिंह, अमन सिंह, चरणजीत सिंह, महेन्द्रसिंह, सुरेन्द्र सिंह, केवल कृष्ण, परमजीत कौर, सुखविन्द्र सिंह, अवनीत कौर, अमनदीप कौर, अमरजोत कौर, गौरव धालीवाल, यादविन्द्र सिंह सहित अन्य श्रद्धालुओं ने मिलकर पंज प्यारों को सरोपा पहनाया व श्रद्धालुओं में केले के प्रसाद का वितरण किया गया। संगत ने जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल और वाहेगुरु का जाप किया। पार्षद सिंह स्वर्ण सिंह ने संगत को को गुरबाणी से जुड़ने का आह्वान किया। कहा कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं, इसलिए उन्हें अच्छे संस्कार देना है। बच्चों को अच्छे संस्कार देने और आदर्श नागरिक बनाने का सबसे सरल माध्यम श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी है। यदि बच्चों को बचपन में ही गुरबाणी से जोड़ दिया जाए, तो फिर वे सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ने में न केवल सक्षम बनेंगे, बल्कि कौम तथा देशहित में अपनी अहम भूमिका भी निभाएंगे।

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