वीडियोकॉन लोन केस: ICICI बैंक की CEO चंदा कोचर को देना पड़ सकता है इस्तीफा!

0
354

नई दिल्ली: वीडियोकॉन कर्ज मामले से विवादों में घिरीं आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के लिए मुश्किल थमने का नाम नहीं ले रही हैं। खबर है कि जल्द ही उन्हें ICICI बोर्ड उनके पद से हटा सकता है। ऐसा ब्लूमबर्ग ने दावा किया है कि चंदा कोचर के मामले में बैंक के बोर्ड में कुछ सदस्यों का मानना है कि कर्ज मामले में निष्पक्ष जांच तक चंदा कोचर को सीईओ पद छोड़ देना चाहिए।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक बैंक के कुछ डायरेक्टर्स चंदा कोचर के पद पर बने रहने का विरोध कर रहे हैं। गौरतलब है कि देश के दूसरे सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई का बोर्ड चंदा कोचर के इस्तीफा देने के मुद्दे पर इस हफ्ते मुलाकात कर सकता है। चंदा कोचर का कार्यकाल 31 मार्च 2019 को खत्म हो रहा है लेकिन इस बढ़ते विवाद के कारण उन्हें इससे पहले ही अपना पद छोड़ना पड़ सकता है।

चंदा कोचर पर पूरा विश्वास-बोर्ड
चंदा के पद को छोड़ने की खबर को आईसीआईसीआई बैंक ने खंडन करते हुए कहा कि, उन्हें चंदा कोचर पर पूरा विश्वास है और जांच में उनके खिलाफ कुछ ऐसा नहीं मिला। जिसके चलते बोर्ड उन्हें उनके पद से हटाए। बैंक के बोर्ड में कुल 12 सदस्य मौजूद हैं जिन्होंने 28 मार्च को अपनी फाइलिंग में दावा किया था कि बैंक की क्रेडिट अप्रूवल प्रक्रिया पूरी तरह दुरुस्त है और चंदा कोचर मामले में किसी तरह से फायदे के ऐवज में कर्ज देने का मामला नहीं मिला है।

क्या है मामला-
आरोप है कि वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत ने 2008 से 2011 के बीच चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को अपनी एक कंपनी महज कुछ लाख रुपए में बेच दी। इसके बाद अपनी एक कंपनी से करीब 3 करोड़ रुपए का लोन दिया। बाद में 2012 में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया और 2017 में इसमें से करीब 2800 करोड़ रुपए एनपीए घोषित कर दिया। सीबीआई ने इस मामले में बैंक के कुछ अधिकारियों से पहले ही पूछताछ की है।

क्या होता है एनपीए?
एनपीए वह राशि होती है, जिसे बैंक मान लेता है कि कर्जदार से वापस नहीं मिल सकेगी। हालांकि, बैंक के बोर्ड ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है और चंदा कोचर को क्लीन चिट दी है।

ये भी पढ़ें:

रूचि के अनुसार खबरें पढ़ने के लिए यहां किल्क कीजिए

(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुकट्विटर और यूट्यूब पर फॉलो भी करें