3,200 करोड़ रूपये का TDS घोटाला आया सामने, 447 कंपनियों को पहुंचाया गया फायदा

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नई दिल्ली: आयकर विभाग ने 3,200 करोड़ रुपये के टीडीएस घोटाले का पर्दाफाश किया है। आयकर विभाग के सूत्रों  के मुताबिक इस मामले में 447 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी से टैक्स की रकम तो काटी, लेकिन उसे आयकर विभाग में जमा करने की बजाए अपने कारोबार को बढ़ाने में लगा दिया।

इस बारें में आयकर विभाग ने कहा है कि विभाग की मानें तो ये सिर्फ वेरिफिकेशन सर्वे का विवरण है, जो अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच किया गया। इस तरह का सर्वे हर साल किया जाता है। ये वैसा ही मामला है, जिसमें कर्मी सैलरी से TDS तो घटा लेते हैं, लेकिन वक्त पर टैक्स जमा नहीं करते। इन कंपनियों ने कर्मचारियों के काटे गए टीडीएस को अपने बिजनस में ही इन्वेस्ट कर दिया।

सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग की टीडीएस शाखा ने इन कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और कई मामलों में वॉरंट भी जारी कर दिए गए हैं। इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत इन मामलों में तीन महीने से लेकर जुर्माने के साथ 7 साल तक की सजा हो सकती है। आरोपी कंपनियों और मालिकों के खिलाफ आईटी ऐक्ट के सेक्शन 276बी के तहत कार्रवाई की जा रही है।

क्या है टीडीएस-
अगर किसी व्यक्ति को कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाये तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को टीडीएस कहते हैं। सरकार टीडीएस के जरिये टैक्स जुटाती है। टीडीएस विभिन्न तरह के आय़ स्रोतों पर काटा जाता है मसलन सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर। टीडीएस हर आय पर और हर किसी लेनदेन पर लागू नहीं होता है। आयकर विभाग की ओर से कई तरह के अलग-अलग पेमेंट्स पर अलग-अलग रेट्स सुझाव गए हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर आप भारतीय हैं और आपने डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया तो इस पर जो आय प्राप्त हुई उस पर कोई टीडीएस नहीं चुकाना होगा लेकिन अगर आप एनआरआई ( यानी अप्रवासी भारतीय) हैं तो इस फंड से हुई आय पर आपको टीडीएस देना होगा।

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