संवाददाता भीलवाड़ा। गांगलास कस्बे सहित आसपास के गांवों में इन दिनों का खाखरे (पताश)के पेड़ पर खेसुले के फूल मन मोह रहे है उदलपुरा से गांगलास रोड के किनारे फूल लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है ग्रामीण क्षेत्रों में इस समय कई बड़े-बड़े जंगल केसरिया रंग में रंगे हुए हैं जो मनमोहक लगते हैं ग्रामीण मनीष कुमार सुवालका ने बताया कि हम जब छोटे थे उस समय हम खाखरे के पेड़ पर लगने वाले केसरिया रंग के केसुला के फूल की रंग बनाकर होली खेला करते थे इन फूलों को 7व 8 दिन तक पानी में डुबोकर उसे बने हुए रंगों से होली खेलते थे यह प्राकृतिक रंगों केमिकल मुक्त होता है इस रंग से होली खेलने से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता हे।
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