दिल्ली: हैदराबाद ब्लास्ट मामले में मौत की सजा काट रहे यासीन भटकल की पत्नी ने एक बयान में कहा कि पैसे ना होने की वजह से अपने बच्चों को खाना तक नहीं खिला सकती। बच्चे भूख की वजह से धीरे-धीरे मर रहे हैं। मेरी बड़ी बेटी को तेज बुखार है। बच्चों का ख्याल रखने वाला कोई नहीं है। हमारा इस संसार से कोई ताल्लुक नहीं है। प्लीज हमें अकेले रहने दीजिए। मेल टुडे ने अपनी रिपोर्ट में जाहिदा के हवाले से लिखा है, कि दस बच्चों की देखभाल कर रही है। इनमें से कुछ जाहिदा और भटकल के हैं।
जाहिदा ने आगे कहा कि उसके पति आतंकी नहीं है। जाहिदा ने कहा कि मेरे पति बेगुनाह हैं और हमारे परिवार के साथ ज्यादती की गई है। यासीन भटकल प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन का सह-संस्थापक है। उसे अगस्त 2013 में बिहार में भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी हैदराबाद ब्लास्ट मामले में हुई थी। इस ब्लास्ट में 19 लोगों की मौत हो गई थी।
यासीन की पत्नी के पास कमाई को कोई नियमित साधन नहीं है, वे चंदे की पैसों पर अपना घर चला रही हैं। रिपोर्ट में जाहिदा के हवाले से लिखा है, ‘अगर हमारी स्थिति नहीं सुधरती है तो खुद को खत्म करने से पहले मैं अपने बच्चों को मार दूंगी। मेरी नौकरी भी छूट गई है। लोग अब मेरे घर पर उर्दू सीखने के लिए अपने बच्चों को भी नहीं भेजते, क्योंकि मैं यासीन भटकल की पत्नी हूं। हमें ज्यादा परेशानी तब आई, जब हमारा पता सार्वजनिक कर दिया गया।’ जब तक यासीन भटकल का नाम आतंकी गतिविधियों में नहीं आया था, तब तक जाहिदा शाहीद बाग में एक उर्दू टीचर के तौर पर पढ़ाती थीं। बाद में जाहिदा ने घर पर ही उर्दू पढ़ाना शुरू कर दिया।
रिपोर्ट् के मुताबिक भटकल ने जाहिदा से साल 2010 में शादी की थी। जाहिदा आईएम सदस्य मोहम्मद इरशाद खान की बेटी है। इरशाद को साल 2011 में हथियारों की अवैध फैक्ट्री चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। भटकल खान की फैक्ट्री में ही काम करता था। उसने अपने आपको इमरान अहमद बताया था। जाहिदा और उसकी मां को इरशाद और यासीन के असली रूप के बारे में नहीं पता था। आपको बता दें यासीन भटकल को 19 दिसंबर को एनआईए की कोर्ट ने हैदराबाद ब्लास्ट मामले में चार अन्य आतंकियों के साथ मौत की सजा सुनाई है।
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