जानिए क्यों छोड़ी पिछले साल 1.63 लाख लोगों ने भारतीय नागरिकता

जहां साल 2019 में एक भी भारतीय ने पाकिस्तानी नागरिकता नहीं ली थी वहीं साल 2021 में 41 भारतीयों ने पाकिस्तान की नागरिकता अपनाई। जबकि साल 2020 में पाकिस्तान की नागरिकता लेने वाले भारतीय की संख्या केवल 7 थी।

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नई दिल्ली: भारत में पिछले साल 1,63,370 लोगों ने भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) छोड़कर दूसरे देशों की नागरिकता को ली है। यह आंकड़ा खुद संसद के मानसून सत्र में केन्द्र सरकार की ओर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद ने बताया, साल 2019 में यहीं आकड़ा एक लाख 44 हजार 17 था। सरकार द्वारा अपने जवाब में पेश की गई कुल 123 देशों की सूची में 6 ऐसे देश हैं जिनमें भारत की नागरिकता छोड़ साल 2021 में किसी भारतीय ने वहां की नागरिकता नहीं ली।

सबसे ज्यादा 78,284 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़कर अमेरिका की नागरिकता ग्रहण की है और उसके बाद 23,533 लोगों ने भारतीय नागरिकता को छोड़कर ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता धारण की। फिर 21,597 लोगों ने कनाडा की और 14,637 लोगों ने 2021 में यूके की नागरिकता धारण की।

पिछले तीन सालों में कुल 3.92 लाख भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक लोगों ने अपने व्यक्तिगत कारणों से भारतीय नागरिकता छोड़ी है और करीब 120 देशों की नागरिकता ग्रहण की है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बसपा नेता हाजी फजलुर रहमान के सवालों का जवाब देते हुए यह आंकड़ा साझा किया।

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इन विदेशियों को भारत पसंद है-
इसके साथ ही गृह मंत्रालय द्वारा साझा किए गए डेटा में कहा गया कि 10,645 विदेशी नागरिकों ने साल 2016 से 2020 के बीच भारतीय नागरिकता के लिए अप्लाई किया। इनमें सबसे ज्यादा पाकिस्तान से 7,782 और 795 अफगानिस्तान से थे। पिछले साल गृह मंत्रालय ने कहा था कि 1,33,83,718 भारतीय नागरिक मौजूदा वक्त में विदेशों में रह रहे हैं।

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2021 में 41 भारतीयों ने ली पाकिस्तानी नागरिकता
जहां साल 2019 में एक भी भारतीय ने पाकिस्तानी नागरिकता नहीं ली थी वहीं साल 2021 में 41 भारतीयों ने पाकिस्तान की नागरिकता अपनाई। जबकि साल 2020 में पाकिस्तान की नागरिकता लेने वाले भारतीय की संख्या केवल 7 थी। सरकार से सवाल में इसकी वजह भी पूछी गई थी जिसके जवाब में सरकार ने कहा है कि ऐसे सभी लोगों ने नागरिकता अपने निजी कारणों से छोड़ी है।

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