नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को रफ्तार देने का काम अन्य माध्यम करते हैं उतना ही योगदान अब डिजिटल दे रहा है। दरअसल नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से रफ्तार पकड़ रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2010 तक ऐसे प्लेटफॉर्म्स 10 से कम थे लेकिन आज 60 से ज्यादा हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में करीब 33 लाख लोग प्लेटफॉर्म इकोनॉमी से रोजगार पा रहे हैं। ये आंकड़ा रेलवे में (12 लाख), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (5 लाख) द्वारा दी जाने वाली नौकरियों से भी ज्यादा है। 2010-2018 के बीच देश में ऑनलाइन कैब सर्विस ओला और उबर ने ही 22 लाख से ज्यादा नौकरियां दीं।
रैपिडो से भी 2020 तक 5 लाख लोग जुड़े थे। फूड डिलीवरी सर्विस जोमैटो से 1.61 लाख और स्विगी से 1.50 लाख लोग डिलीवरी पार्टनर के रूप में रोजगार पा रहे थे। नीति आयोग की रिपोर्ट में आने वाले 3-4 सालों में प्लेटफॉर्म इकोनॉमी से जुड़ी नौकरियां 2.4 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
महिलाओं की पहली पसंद बनीं डिजिटल प्लेटफॉर्म-
सर्वे में अधिकतर महिलाएं अर्बन कंपनी, स्विगी, ओला और सखा कैब जैसे प्लेटफॉर्म से जुड़ी हुई हैं। ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक 40 लाख की प्लेटफॉर्म इकोनॉमी वर्कफोर्स में सिर्फ 2% महिलाएं हैं। इसे बढ़ाने आयोग ने कंपनियों को टैक्स में छूट और स्टार्टअप ग्रांट के सुझाव दिए हैं।
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