ओडिशा के भुवनेश्वर में हाई-टेक मेडिकल (Hi Tech Hospital Odisha) कॉलेज और अस्पताल में भर्ती एक युवक की मौत के सदमे में उसकी पत्नी ने खुदकुशी कर ली। इसके बाद ऐसा हुआ कि जिसके बाद सब हैरान रह गए। दरअसल, परिवार को 4 दिन बाद पता चला कि युवक जिंदा है। हमारे साथ व्हाट्सऐप पर जुड़ने के लिए क्लिक करें (We’re now on WhatsApp, Click to join)
अब परिवार और अस्पताल प्रबंधन में असमंजस की स्थिति बन गई है। युवक के घरवालों का आरोप है कि अस्पताल ने उनके बेटे की मौत की गलत जानकारी दी। दूसरी तरफ डॉक्टर कह रहे हैं कि परिवार ने खुद डेड बॉडी की पहचान की थी। ओडिशा का ये पूरा मामला हाई-टेक मेडिकल कॉलेज में 29 दिसंबर 2023 को AC ब्लास्ट से जुड़ा हुआ है। गैस भरने के दौरान AC फटने से रिपेयरिंग एजेंसी में काम करने वाले 4 लोग घायल हो गए थे। सभी घायल इसी अस्पताल में भर्ती थे।
इनमें तीन लोगों की पहचान दिलीप सामंत्रे, ज्योतिरंजन मलिक और सीमांचल के रूप में की गई। 30 दिसंबर को अस्पताल ने दिलीप (34) को मृत घोषित कर दिया। उसका शव पूरी तरह से जल चुका था। अस्पताल ने 31 दिसंबर को दिलीप के परिवार को शव सौंप दिया गया, जिसने उसका अंतिम संस्कार किया। दिलीप की मौत के सदमे में उसकी पत्नी सोना (24) ने आत्महत्या कर ली।
#ହାଇଟେକ୍_ହସ୍ପିଟାଲ୍_ଆଗରେ_ଉତ୍ତେଜନା
ହାଇଟେକ୍ ହସ୍ପିଟାଲ୍ ଆଗରେ ଉତ୍ତେଜନା କଲେ ମୃତ ଜ୍ୟୋତିରଞ୍ଜନଙ୍କ ସମ୍ପର୍କୀୟ । କହିଲେ , ଆମ ଭାଇକୁ ପୋଡ଼ିଦେଲେ , ଆମ ଭାଇ ଫେରିବ କି ..ହାଇଟେକ୍ କର୍ତ୍ତୃପକ୍ଷ ଏଠି ଗୁଣ୍ଡାରାଜ ସୃଷ୍ଟି କରୁଛି । ଜୀବିତ ବ୍ୟକ୍ତିର ନାଁରେ ଅନ୍ୟ ଲୋକଙ୍କୁ ମାରି ହସ୍ତାନ୍ତର କରିଛି ଏ ହସ୍ପିଟାଲ୍ #HitechHospital pic.twitter.com/AbtRT6sj4g— Kanak News (@kanak_news) January 5, 2024
दूसरी तरफ, अस्पताल प्रबंधन ने अपने ऊपर लगे लापरवाही के आरोपों को खारिज किया है। अस्पताल की सीईओ स्मिता पाढ़ी ने कहा- हमसे गलती नहीं हुई है। सभी घायलों के परिजन और कंपनी के कॉन्ट्रैक्टर ने मरीजों की पहचान की थी। इसके बाद पुलिस ने दिलीप के परिवार को शव सौंपा था।
‘ମୁଁ ଭିତରକୁ ଯାଇଥିଲି, ଜ୍ୟୋତିଙ୍କୁ ଚିହ୍ନି ପାରିଲିନି’#Hitechhospital #FireMishap #Odisha #Bhubaneswar #OTV pic.twitter.com/LEJEuVvsUY
— ଓଟିଭି (@otvkhabar) January 5, 2024
युवक क्यों कर रहा जिंदा होने दावा
माना जा रहा था कि ICU में भर्ती शख्स ज्योतिरंजन है, लेकिन 4 जनवरी को जब युवक होश में आया तो उसने खुद को दिलीप बताया। हालांकि ज्योतिरंजन के पिता ने दावा किया कि वह उनका बेटा है। ज्योतिरंजन के पिता पिछले छह दिनों से अस्पताल में अपने बेटे की देखरेख कर रहे थे। हालांकि अब जब युवक खुद को दिलीप बता रहा है, तो ज्योतिरंजन का परिवार इस बात से दुखी है कि उन्हें अपने बेटे का अंतिम संस्कार करने का मौका भी नहीं मिला।
ଘରୋଇ ଡାକ୍ତରଖାନାରେ ଶବ ଚିହ୍ନଟ ଘଟଣାରେ ହସ୍ପିଟାଲ କର୍ତ୍ତୃପକ୍ଷ ନିଜ ଦୋଷ ଘୋଡାଇଛନ୍ତି। ଶୁଣନ୍ତୁ କ’ଣ କହୁଛନ୍ତି ଡାକ୍ତରଖାନାର ସିଇଓ। #Odisha #hitechhospital #FireMishap #Bhubaneswar #OTV #Odisha pic.twitter.com/uKsf4d7rnY
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ज्योतिरंजन की पत्नी अर्पिता मुखी ने कहा- बुरी तरह जल जाने के कारण मैं अपने पति को नहीं पहचान सकी। मुझे लग रहा था कि वे जिंदा हैं। मुझे मेरा पति वापस चाहिए। ये मामला अब सुर्खियों में आ गया है।
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