अजमेर दरगाह के दीवान बोले- गोहत्या और तीन तलाक कुरान के खिलाफ

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अजमेरः राजस्थान में अजमेर के सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वंशज सज्जादानशीन एवं आध्यात्मिक प्रमुख दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि बीफ को लेकर देश में दो समुदायों के बीच पनप रहे वैमनस्य को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार को देशभर में गोवंश की सभी प्रजातियों के वध करने एवं इनका मांस बेचने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए तथा मुस्लमानों को भी इनके वध से खुद को दूर रहकर इसके मांस के सेवन को त्यागने की पहल करनी चाहिए।

दरगाह दीवान आबेदीन ने अजमेर शरीफ से एक बयान जारी किया। उन्होंने यह बयान ऐसे समय जारी किया जब अजमेर में ख्वाजा साहब का 805वां सालाना उर्स चल रहा है और इसमें लाखों मुस्लिम अकीदतमंदों के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी शिरकत कर रहे है। देश दुनिया से आए मुस्लिम संप्रदाय के लोगों के बीच यह बयान महत्वपूर्ण है।

तीन तलाक पवित्र कुरान की भावनाओं के खिलाफ

दीवान आबेदीन ने स्पष्ट कहा, ‘’तीन तलाक पवित्र कुरान की भावनाओं के खिलाफ है। कुरान में तलाक को अति अवांछनीय माना गया है। जब निकाह लड़के और लड़की की रजामंदी से होता है तो तलाक के मामले में भी स्त्री के साथ विस्तृत संवाद होना ही चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘’पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब ने कहा था कि अल्लाह को तलाक सख्त नापसंद है। कुरान की आयतों में कहा गया है कि अगर पति-पत्नी में क्लेश हो तो उसे बातचीत के द्वारा सुलझाने की कोशिश की जानी चाहिए। जरूरत पडऩे पर समाधान के लिए दोनों परिवारों से एक-एक मध्यस्थ भी नियुक्त करें। समाधान की यह कोशिश कम से कम 90 दिन होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘’अपनी बीबी को तलाक देने से पहले मर्दो को सौ बार सोचना चाहिए।’’ दीवान आबेदीन ने कहा कि आज आम मुसलमान भी शिक्षा, रोजगार, तरक्की और खुशहाली चाहता है। मुस्लिम लड़कियां पढऩा और आगे बढऩा चाहती हैं। वे कुरान व संविधान सम्मत दोनो ही अधिकार चाहती हैं।’’

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