2014 के बाद 41% बढ़ा हेट क्राइम, यूपी सबसे आगे

बाकी राज्यों में उत्तराखंड में हेट क्राइम की घटनाएं सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ीं। इनका फीसद 450% रहा. राज्य में 2014 में 4 घटनाएं हुईं थीं लेकिन 2016 में इनकी संख्या 22 तक पहुंच गई।

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नई दिल्ली: संसद में चल रहे मानसून सत्र के दौरान सरकार द्वारा एक रिपोर्ट पेश की गई जिसमें लिखा था कि साल 2014 के बाद से देश में हेट क्राइम की घटनाओं में 41 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है संसद में पेश की रिपोर्ट के आंकड़े ये भी बताते हैं कि हेट क्राइम की घटनाएं सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में हुई हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 2014 से पहले इन घटनाओं की संख्या 26 थी और ये केरल (65), कर्नाटक (46) और राजस्थान (39) से पीछे था लेकिन इनकी संख्या 2015 में 130 फीसदी बढ़कर 60 हो गई। जहां दूसरे राज्यों में इन घटनाओं में कमी आई वहीं यूपी में 2016 तक और 93 फीसदी की बढ़ोत्तरी होकर संख्या 116 तक पहुंच हो गई।

मतलब ये कि 2014 से 2016 में यूपी में हेट क्राइम में 346% की बढ़त हुई है। वहीं, यूपी के बाद नंबर पश्चिम बंगाल का। बंगाल में इन घटनाओं में 200 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हुई है। 2016 में पश्चिम बंगाल में हेट क्राइम की 53 घटनाएं हुईं। पश्चिम बंगाल में 2014 में हेट क्राइम की संख्या 20 थी जो 2015 में घटकर 18 हुई लेकिन 2016 में ये आंकड़े 53 तक पहुंच गए।

इसके अलावा संसद में मॉब लिंचिंग और गौरक्षा को लेकर हुई हत्याओं पर सवाल उठाए गए और पूछा गया कि क्या सरकार इस बारे में कुछ कर रही है।

इसके जवाब में गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर ने संसद में रिपोर्ट पेश किया है। उन्होंने कहा कि गौरक्षा के नाम पर हुई हत्याओं के सटीक नंबर तो नहीं हैं लेकिन धर्म, जाति, जन्मस्थान आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए किए गए अपराधों पर डेटा उपलब्ध है।

साथ ही अहीर ने ये भी जानकारी दी कि केंद्र मॉब लिंचिंग के खिलाफ कोई कानून बनाने के लिए फिलहाल किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक बाकी राज्यों का है ये हाल

बाकी राज्यों में उत्तराखंड में हेट क्राइम की घटनाएं सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ीं। इनका फीसद 450% रहा। राज्य में 2014 में 4 घटनाएं हुईं थीं लेकिन 2016 में इनकी संख्या 22 तक पहुंच गई।

हरियाणा भी इसी लिस्ट में शामिल है। हरियाणा में 2014 में ऐसी 3 घटनाएं हुई थीं लेकिन 2016 तक इनकी संख्या 16 हो चुकी है. मतलब 433% की बढ़त। मध्य प्रदेश में 2014 में 5 केस थे लेकिन 2016 में 420% की बढ़त के साथ 26 हो गए हैं। तमिलनाडु में 2014 में 16 घटनाएं 2016 में 33 घटनाओं में बदल गईं और तेलंगाना ने 18 से बढ़कर 33 यानी 83% की बढ़ोत्तरी देखी।

कुल मिलाकर 2014-2016 में 16 राज्यों में हेट क्राइम घटनाओं में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। इनमें से 9 राज्यों में बीजेपी सीधे या गठबंधन के जरिए सत्ता में है। बाकी कुछ राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां और कुछ में क्षेत्रीय पार्टियां राष्ट्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन सत्ता में हैं।

हेट क्राइम की कई घटनाएं दर्ज नहीं

2014 में जहां कुछ राज्यों में हेट क्राइम की कोई घटनाएं दर्ज नहीं हुईं, उन्होंने भी 2016 में ऐसी घटनाएं देखीं। बिहार में 2014 में कोई हेट क्राइम नहीं हुआ, लेकिन 2016 में ऐसी 8 घटनाएं हुईं। जम्मू-कश्मीर में 2014 में ऐसी कोई घटना नहीं हुई लेकिन 2016 में ऐसी 5 घटनाएं दर्ज की गईं।

झारखंड में गौरक्षा के नाम पर सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। 2014 में ऐसी घटनाएं की संख्या जीरो थी और 2015 में ऐसी 9 घटनाएं बढ़ीं लेकिन 2016 में ऐसी बस एक घटना हुई। मेघालय में 2014 में एक भी हेट क्राइम नहीं हुआ लेकिन 2016 में यहां ऐसी 4 घटनाएं हुईं। अरुणाचल और असम में 2014 में एक भी घटना नहीं हुई लेकिन 2016 में ऐसी एक-एक घटनाएं जरूर हुईं।

इसके अलावा देश की राजधानी दिल्ली में हेट क्राइम की एक भी घटना दर्ज हुई। 2014 में दिल्ली में हेट क्राइम की संख्या 13 थी लेकिन 2016 में ऐसी कोई घटना दर्ज नहीं की गई।

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