बहुचर्चित गीतिका-गोपाल कांडा केस में 11 साल बाद फैसला, पढ़ें क्या है पूरा मामला

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हरियाणा के बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका सुसाइड केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए  विधायक गोपाल कांडा (Gopal Kanda) को बरी कर दिया। वे इस मामले में 18 महीने जेल में भी रह चुके हैं। अभियोजन पक्ष ने कहा कि कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। पांच अगस्त 2012 को 23 साल की गीतिका शर्मा ने दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने ही फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

11 साल बाद आए इस फैसले पर जब उनसे प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने हाथ जोड़े और कुछ नहीं कहा। हालांकि बाद में मीडिया से बात करते हुए गोपाल कांडा ने कहा- ” मेरे खिलाफ एक भी सबूत या कुछ नहीं था। यह सिर्फ और सिर्फ बनाया गया था। ये किस सोच से और क्यों बनाया गया था? ये कोर्ट ने आज फैसला दे दिया है। ये सबके सामने है।

सिरसा से विधायक गोपाल कांडा
गोपाल कांडा मौजूदा समय में सिरसा से विधायक हैं। गोपाल कांडा की एयरलाइंस कंपनी में गीतिका एयरहोस्टेस थी, उसने सुसाइड किया था। गोपाल कांडा पर गीतिका की खुदकुशी का आरोप लगा था। मामले में कांडा को मुख्य आरोपी बनाया गया था।

गीतिका ने सुसाइड नोट छोड़ा था
गीतिका विधायक कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस के तौर पर काम करती थी। उसने 23 साल की उम्र में 5 अगस्त, 2012 को दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने ही फ्लैट में सुसाइड किया था। गीतिका के परिवार वालों ने गोपाल पर गीतिका को परेशान करने का आरोप लगाया था और मौत का जिम्मेदार बताया था।

पुलिस को गीतिका के घर से सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उसने सुसाइड के लिए गोपाल कांडा और MDLR की मैनेजर अरूणा चड्‌ढा को जिम्मेदार ठहराया। गीतिका ने लिखा कि मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं। मेरा विश्वास टूट गया है। मेरे साथ धोखा किया गया। गोपाल कांडा और अरूणा चड्ढा ने मेरा विश्वास तोड़ा।

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