गुरू जम्भेश्वर भगवान को 572 वां जन्मात्सव मनाया

0
156

हनुमानगढ़। टाउन स्थित बिश्नोई धर्मशाला में गुरू जम्भेष्वर प्राणी हितकारी समिति के तत्वाधान में गुरू जम्भेश्वर भगवान का 572 वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जिसके तहत शुक्रवार रात्रि को विशाल जागरण हुआ। जिसके मुख्य अतिथि अखिल भारतीय जम्भेश्वर सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद धारणिया, विशिष्ट अतिथि डेयरी संचालक कृष्ण गोदारा, भाजपा जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई, शिक्षाविद् बीएल सहु थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जम्भेश्वर प्राणी हितकारी समिति के अध्यक्ष इन्द्रजीत धारणिया ने की। अतिथियों द्वारा जम्भोजी महाराज के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूवात की। वक्ताओं ने कहा कि गुरू जम्भेष्वर ने 29 नियमों में पूरे जीवन का सार समझाया है। नियमों का पालन करने वाले व्यक्ति हमेशा आगे बढते है। इस दौरान पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक पौधे लगाने की अपील की। इस मौके पर जम्भेश्वर प्राणी हितकारी समिति द्वारा विनोद धारणिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर व कृष्ण गोदारा द्वारा समिति को समय समय पर सहयोग करने पर स्थानीय समिति द्वारा शॉल उढाकर व साफा पहनाकर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर डॉ. बीएल सहू ने संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में जम्भाणी अकादमी साहित्य की प्रतियोगिता की परीक्षा होने जा रही है जिसमें अपने बच्चों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के प्रोत्साहित करे ताकि जम्भोजी के इतिहास के बारे में युवा पीढ़ी जागरूक हो सके।

इस मौके पर उपाध्यक्ष सुभाष बेनीवाल, सचिव रामकुमार बेनीवाल, कोषाध्यक्ष केशव पूनिया, विनोद पूनियां, हनुमान सिंह गोदारा, बुधराम डेलू, बनवारी लाल, लखपत खिचड़, हनुमान सिंवर, रमेश धारणिया, बनवारी खिचड़, हनुमान डूडी, रामस्वरूप धारणिया, सत्यानारायण, बुधराम सहारण आदि ने अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन किया। इस जागरण में हरीराम व मोहन चौहान फलौदी जोधपुर द्वारा जम्भोजी महाराज के भजनों का गुणगान किया गया। इस मौके पर सामुहिक भण्डारा आयोजित हुआ जिसमें सैकड़ों लोगों  भण्डारा ग्रहण किया। मंच सचालन हनुमान भाम्भू ने किया। अंत में अध्यक्ष इन्द्रजीत धारणिया ने कहा कि बिश्नोई समाज सदैव पर्यावरण की दृष्टि से जाना जाता है, जिसका अनुभव पूरे विश्व ने कोरोनाकाल में ऑक्सीजन की भारी कमी में किया। इस लिये सभी समाज के लोग अधिक से अधिक पौधारोपण कर अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करे।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं]