गुरूद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह जी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा ठंडे मीठे जल छबील लगाई

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हनुमानगढ़। सिखों के पांचवें गुरु गुरु अर्जनदेव जी के शहीदी दिवस जंक्शन अम्बेडकर चौक पर गुरूद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह जी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों द्वारा ठंडे मीठे जल छबील लगाई गई। गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जरनैल सिंह मुत्ती व सुरेन्द्र अरोड़ा ने कहा कि गुरु अर्जन देवी जी को सिखों का सिरताज कहा जाता है। उन्होंने कहा कि बताया कि 30 मई 1606 ई को मुगल शासक जहांगीर ने गुरु अर्जन देव जी की बढ़ती लोकप्रियता व प्रचार से सिखों के खालसा पंथ का तेजी से विस्तार देख जहांगीर सहन न कर सका, जिसके कारण उसने भीषण गर्मी के दौरान याशा व सियासत कानून के तहत लोहे की गर्म तवे पर बैठाकर शहीद करने का हुक्म सुनाया। इस दौरान गुरुजी को इस भीषण गर्मी में तपते तवे पर बैठाकर उनके शीश पर गर्म-गर्म रेत डाली गई, जिसके कारण उनका पूरा शरीर जल गया। उसके बाद गुरुजी को ठंडे पानी वाली रावी दरिया में नहाने के लिए भेजा गया जहां गुरुजी का पावन शरीर रावी में आलोक हो गया। जहां गुरुजी की ज्योति ज्योत समाया, उसी स्थान पर लाहौर में रावी नदी के किनारे गुरुद्वारा डेरा साहेब का निर्माण कराया गया, जो अब पाकिस्तान में है। इस मौके पर गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य सेवादार जनरल सिंह मुत्ती, भोला सिंह, योगेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, मास्टर सुरेंद्र सिंह, गुरुदेव सिंह रेल्वे, बलदेव सिंह तेरे भरोसे, सुखमन्द्र सिंह सहित गुरूद्वारा दीप सिंह वेलफेयर सोसायटी के सदस्य खुशविन्द्र सिंह सहित अन्य सदस्यों ने अपनी सेवाएं दी।

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