आणंद: चलन से बाहर हुए नोटों को बदलने के लिए तारापुर कस्बे में एक बैंक के बाहर कतार में दो घंटे से अधिक समय से खड़े 47 साल के एक किसान की दिल का दौरा पड़ने से आज मौत हो गई।
तारापुर के पुलिस निरीक्षक केसी राठवा ने कहा, ‘‘ बरकत शेख की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वह पुराने नोटों को बदलने के लिए कारपोरेशन बैंक की शाखा के बाहर लाइन में खड़े थे।’’ तारापुर तहसील में मोराज गांव के रहने वाले शेख को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘ शेख को खेतिहर मजदूरों को पैसे का भुगतान करना था जिसके लिए उन्हें चलन से बाहर हुए नोटों को बदलना था। वह लाइन में दो घंटे से अधिक समय तक खड़े थे।’’
वक्त रहते विनोद का नहीं हो पाया इलाज
एंबुलेंस वक्त पर नहीं आई जिसकी वजह से इलाज वक्त पर नहीं हो सका इसीलिए विनोद पांडे को बचाया नहीं जा सका। अव्यवस्था का यही आलम बैंक में भी था। विनोद पांडे के बेटे विनीत बैंक की बदइंतजामी का हाल बताते-बताते फफक-फफक कर रो पड़ते हैं।
500-1000 के नोट ने ली नवजात की जान-
विनोद का मामला ही पहला नहीं है इससे पहले कई मामले है लेकिन आपको हैरान कर देना वाला मामला गाजियाबाद और मुम्बई से आया है जहां खुल्ले पैसे नहीं होने की वजह से डॉक्टर ने इलाज नहीं किया और नवजात की मौत हो गई। इस ।मामले में स्वास्थय मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह जल्द इस मामले की जांच करेंगे और दोषियों को सजा दिलवाएंगे।