राजस्थान में गुर्जर की दहाड़: सरकार निकाले हल नहीं तो दुनिया देखेगी सबसे बड़ा आंदोलन

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जयपुर: एसबीसी आरक्षण पर राजस्थान हाईकोर्ट की रोक के बाद गुर्जरों ने फिर आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने इस स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि सरकार को इस समस्या का हल निकालना होगा। यदि सरकार ने हल नहीं निकाला तो इस बार उग्र आंदोलन होगा। दूसरी ओर, एसबीसी वर्ग का एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल रविवार को सरकार से मिलेगा।

बैंसला के नेतृत्व में उनके घर पर ही एसबीसी के पदाधिकारियों की हिण्डौन में बैठक हुई। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही से गुर्जर समाज में भारी आक्रोश है। हम चुप नहीं बैठेंगे। हमारा समझौता सरकार से हुआ है। हमारे साथ अन्याय हुआ है। अब सरकार समस्या का हल दो दिन में निकाल कर दे, नहीं तो एसबीसी समाज ऐसा आंदोलन करेगा, जिसको दुनिया देखेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने समाज को धोखे में रखा। सरकार ने संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की बात कही थी, जबकि ऐसा नहीं हुआ। यही कारण है कि अदालत में पक्ष कमजोर रहा।

गुर्जर समाज के लोगों से मिलेंगे हार्दिक पटेल

पड़ोसी राज्य गुजरात के पटेल आरक्षण आंदोलन की कमान संभालने वाले हार्दिक पटेल शनिवार रात दौसा पहुंचे। वे जयपुर में भी थोड़ी देर रुके। उन्होंने गुर्जर समाज को आरक्षण की मांग पूरी कराने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं। राज्य सरकार की मंशा साफ न होने से यह स्थिति सामने आई है। उनके साथ पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर पोसवाल, गुर्जर नेता हिम्मत सिंह व अन्य लोग थे।

50 प्रतिशत के अंदर आरक्षण चाहिए

गुर्जर समाज का पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल रविवार को सरकार से मुलाकात करेगा। एसबीसी में मिल रही सुविधाएं बरकरार रखने की मांग रखी जाएगी। हमें 50 प्रतिशत के अंदर आरक्षण चाहिए। कोर्ट जाने की जिम्मेदारी सरकार की है, हमारी नहीं। उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्णय के बाद अरुण चतुर्वेदी व राजेन्द्र राठौड़ से बात हुई है। उधर, सवाईमाधोपुर, टोंक, बांदीकुई व अन्य स्थानों पर गुर्जर पदाधिकारियों ने प्रशानिक अधिकारियों को सरकार के नाम ज्ञापन देकर मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात रखी।

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