29 मई को होगा हनुमानगढ़ में भव्य श्रावक सम्मेलन – सुरेन्द्र कोठारी

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हनुमानगढ़। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी आंचलिक सभा (श्रीगंगानगर हनुमानगढ़, फाजिल्का, अबोहर ऐलनाबाद) की कार्य समिति की बैठक जय भिक्षुक प्रतिष्ठान में अध्यक्ष सुरेन्द्र कोठारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में श्रीगंगानगर, पीलीबंगा, सूरतगढ़, पदमपुर, रायसिंहनगर, गजसिंहपुर, हनुमानगढ़ टाउन, हनुमानगढ़ जंक्शन, टिब्बी आदि क्षेत्रों से आये कार्यकारिणी सदस्यों व सभाओं के अध्यक्ष, मंत्रीयों ने सहभागिता की। महासभा के आंचलिक प्रभारी देवेन्द्र बांठिया ने आचार्य महाश्रमण के जन्म दिवस एवं युग प्रधान अलंकरण के समय सामुहिक रूप से सरदारशहर पहुंचने का आह्वान किया। महासभा की कार्यकारिणी सदस्य भोजराज जैन ने सभी सभाओं एवं उपसभाओं के चुनाव /मनाव समय पर करवाने का निवेदन किया। इस अवसर पर अध्यक्ष सुरेन्द्र कोठारी द्वारा समिति के प्रथम उपाध्यक्ष आनन्द जैन सुरतगढ़, द्वितीय उपाध्यक्ष सुशील जैन पदमपुर एवं तृतीय उपाध्यक्ष कुलभूषण जैन हनुमानगढ़ के नियुक्ति की घोषणा की। साथ ही साथ सुरेन्द्र कोठारी ने चुनाव-मनाव की समय सीमा के अन्दर ही श्रावक सम्मेलन करवाने के बारे में प्रस्ताव रखा जिस पर हनुमानगढ़ जंक्शन से समिति के प्रभारी रिषभ जैन द्वारा हनुमानगढ़ जंक्शन में आचलिक सम्मेलन करवाने की अनुमति मांगी एवं जंक्शन से अणुव्रत समिति के अध्यक्ष प्रकाश जैन द्वारा श्रावक सम्मेलन हेतु अरिहन्त पैलेस को निःशुल्क देने की घोषणा की। आंचलिक सभा के संरक्षक चांदमल सुराणा ने श्रावक सम्मेलन हेतु रायसिंहनगर सभा द्वारा भरपूर सहयोग देने का विश्वास दिलाया। संरक्षक बाबूलाल दुगड़ एवं आंचल के महामंत्री मूलचंद बांठिया, प्रचारमंत्री सतीश पुगलिया व अन्य सभी सदस्यों से आपसी विचार विमर्श कर सर्वसम्मति से अध्यक्ष सुरेन्द्र कोठारी द्वारा अगला श्रावक सम्मेलन दिनांक 29 मई 2022 रविवार को अरिहन्त भवन, हनुमानगढ़ जंक्शन प्रांगण में करने की घोषणा की। श्रावत सम्मेलन के हनुमानगढ़ में आयोजित होने की धोषणा से आंचल के श्रावक श्राविकाओं ने हर्ष की लहर दौड़ गई। सुरेन्द्र कोठारी ने 10 मई 2022 को सरदारशहर गुरूदेव के जन्मोत्सव पर आंचल के हर घर से एक एक प्रतिनिधि को पहुंचने का आह्वान किया। ज्ञातव्य रहे कि आचलिक सम्मेलन पूर्व मे 2016-17 के दौरान हनुमानगढ़ टाउन सभा तत्कालीन सभाध्यक्ष सुरेन्द्र कोठारी की अध्यक्षता में सम्पन्न किया गया था। जबकि उस समय आचलिक अध्यक्ष भोजराज जैन थे। भोजराज जैन ने अगला आंचलिक सम्मेलन एतिहासिक करने की भावना व्यक्त की। इस अवसर पर राजन भारती, राकेश बोरङ, देव सुराणा, विजय कुमार गीया, भगवानदास बसल, आनन्द जैन  हनुमानगढ़, पीयूष जैन, लोकेश जैन, संतोष दुगड़. निहालचंद जैन, जेठमल सेठीया धर्मचन्द बांठिया, निर्मल कुमार सुराणा, सुरेन्द्र बोथरा, गौरव जैन, विजय कुमार रोनावत, सुभाष बांठिया, मंगलचंद जैन व जोगेन्द्र जैन व अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे। बैठक के अंत में संयोजक विमल कोटेचा श्रीगंगानगर द्वारा आये हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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