हनुमानगढ़। नेहरू युवा केंद्र, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा युवा दिवस के अवसर पर आयोजित अंतर जिला युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का भव्य और समारोहपूर्वक समापन हुआ। इस कार्यक्रम ने युवाओं के व्यक्तित्व विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य को साकार किया।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सेवानिवृत्त आईजी गिरीश चावला, कार्यक्रम अध्यक्ष टिब्बी उपखंड अधिकारी सत्यनारायण सुथार, विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद डॉ. सुमन चावला और सीक्रेट हार्ट स्कूल की प्रधानाचार्य नीना वर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में जिले के 28 युवाओं ने भाग लिया, जिन्हें जिले के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहरों का अवलोकन कराने के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर व्याख्यान और परिचर्चाओं के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया।
मुख्य अतिथि गिरीश चावला ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, “युवा देश का भविष्य हैं, और देश का विकास उनकी सोच और कर्मठता पर निर्भर करता है। अगर युवा सशक्त और सकारात्मक सोच के साथ कार्य करेंगे, तो देश किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।” उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी ऊर्जा और क्षमताओं का उपयोग समाज को सशक्त बनाने में करें।
कार्यक्रम अध्यक्ष सत्यनारायण सुथार ने राजस्थान की विविध संस्कृति और वेशभूषा पर चर्चा करते हुए कहा, “राजस्थान अपनी सांस्कृतिक धरोहर और विविध परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। हर 50 किलोमीटर पर यहां की बोली, पहनावा और रहन-सहन बदलता है। ऐसे कार्यक्रम युवाओं को इन विविधताओं को समझने और आपसी सौहार्द को बढ़ाने का अवसर प्रदान करते हैं।”
शिक्षाविद डॉ. सुमन चावला ने महिलाओं की आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए कहा, “आज के समय में महिलाओं का सशक्त और आत्मनिर्भर होना अत्यंत आवश्यक है। उन्हें अपनी भावनाओं और क्षमताओं पर नियंत्रण रखते हुए समाज में अपनी भूमिका को प्रभावी ढंग से निभाना चाहिए।”
सीक्रेट हार्ट स्कूल की प्रधानाचार्य नीना वर्मा ने युवाओं को भारतीय संस्कृति के संरक्षण की प्रेरणा देते हुए कहा, “आधुनिकता की दौड़ में हम अपनी परंपराओं और मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। ऐसे कार्यक्रम हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर की महत्ता का बोध कराते हैं।”
जिला युवा अधिकारी रीना केसरिया ने पांच दिवसीय कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें भाग लेने वाले युवाओं को हनुमानगढ़ के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया गया। इनमें इंदिरा गांधी नहर परियोजना, भटनेर दुर्ग, सुखा सिंह-मेहताब सिंह गुरुद्वारा, भद्रकाली मंदिर और 5000 साल पुरानी सभ्यता कालीबंगा के अवशेष शामिल थे। साथ ही, युवाओं को विभिन्न समसामयिक विषयों पर व्याख्यान और परिचर्चाओं के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया।
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