नेशनल हाईवे 758 पर स्थित ग्राम पंचायत गुरला जो प्राकृतिक सौंदर्य से लोगों का मन मोह लेता है

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संवाददाता भीलवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 758 पर स्थित गांव गुरला जो कि भीलवाड़ा के कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है। इस गांव का प्राकृतिक सौंदर्य इतना मनमोहक है कि यहां से गुजरने वाले सभी एक बार गुरला जरूर रुक कर निकलते हैं।और यहां के सौंदर्य का आनंद लेते हैं।
इस गांव को इतना मशहूर क्यों माना जाता है आइए कुछ पॉइंट के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं
यहां का तालाब जिसकी ओवरफ्लो होने की क्षमता 11 फीट है और यह तालाब 1600 बीघा जमीन पर फैला हुआ है जो किसी बांध से कम नहीं है जो गांव का आकर्षक का केंद्र है
यहां से निकला नेशनल हाईवे 758 जो कि गांव और तालाब के मध्य है गुरला गढ़ से देखने पर नेशनल हाईवे अति सुंदर व दुर्लभ दिखाई देता है गांव वालों के लिए हाईवे से रोजगार को भी बढ़ावा मिला है
गांव की भौगोलिक दशा व दिशा पूरा गांव अरावली पर्वतमाला की श्रंखला के मध्य बसा हुआ है इस गांव के चारों और पहाड़ियां है जिससे कि गांव पर प्राकृतिक आपदा का आने का खतरा भी कम हो जाता है
पहाड़ी पर स्थित कालिका माता रानी का दरबार पहाड़ी की ऊंचाई होने की वजह से पूरा गांव तालाब,हाईवे, बाग-बगीचे,खेत-खलियान गांव के सभी सरकारी संस्थान स्कूल, हॉस्पिटल,इन सभी को ऊंचाई से देखने पर अत्यंत सुंदर दिखाई देता है इन चारों प्वाइंटों से गाव की सुंदरता का अंदाजा लगाया जा सकता है यह गांव पर्यटक स्थल के रूप में भी जाना जाने लगा है
यहां पर मशहूर अमरूद,सिंघाड़े, नींबू, आचार के लिए केरी, यहां के बाग बगीचे,खेत खलियान गुरला गढ़,माता रानी का मंदिर बड़ी स्कूल, और आदि अत्यंत सुंदर दिखाई देते हैं
और यहां के युवाओं का खेल के प्रति आकर्षण और देश प्रेम के भावना जोरो जोरो से भरी हुई है।
युवा इंडियन आर्मी में जाने के लिए पुरजोर प्रयत्न भी करते हैं
गांव के अधिकतर लोग खेती करते हैं और बहुत से लोगों की सरकारी संस्थानों में भी अलग अलग विभागों में जॉब लगी हुई है
गांव के युवा हर धार्मिक प्रोग्राम और सांस्कृतिक प्रोग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और उसमें अव्वल भी आते हैं। यहां पर पढ़ाई का स्तर भी बहुत बढ़िया है यहां के विद्यार्थियों को सरकारी योजना के तहत भी बहुत पुरस्कार मिलते रहते हैं
यहां पर त्योहार विशेष तरीके से मनाए जाते हैं सभी एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते हैं। गांव का धार्मिक माहौल है और गली-गली में अपनी अपनी आस्था के अनुसार मंदिर बने हुए हैं इसलिए गांव गुरला दूर-दूर तक मशहूर हैं

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