अब खैर नहीं, बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने पर अखबारों में छपेगा तस्वीर सहित नाम

0
347

नई दिल्ली: जानबूझकर बैंक का कर्ज नहीं चुकाने वालों के खिलाफ वित्तमंत्रालय ने एक ऑर्डर निकाला है। जिसके अनुसार, समय पर बैंकों का भुगतान नहीं किया तो अगले दिन आपका नाम और तस्वीर अखबारों की मुख्य अखबारों में से एक होगी।

सरकार ने बैंकों से कहा है कि जानबूझकर कर्ज़ नहीं चुकाने वाले विलफुल डिफॉल्टरों की तस्वीर और बाकी डिटेल अखबारों में छापी जाए। वित्त मंत्रालय ने सभी सरकारी बैंकों को निर्देश दिया है कि बोर्ड से कर्ज नहीं चुकाने वालों की तस्वीरें छापने की मंजूरी लें। दिसंबर 2017 तक विलफुल डिफॉल्टर, जिनके पास क्षमता है लेकिन फिर भी लोन नहीं चुका रहे, उनकी संख्या 9063 हो गई है।

मिली जानकारी के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को पत्र लिखकर ऐसे चूककर्ताओं की तस्वीर प्रकाशित कराने को लेकर निदेशक मंडल की मंजूरी लेने को कहा है।  सूत्रों ने वित्त मंत्रालय के परामर्श के हवाले से कहा, ‘कर्ज देने वाले संस्थान अपने निदेशक मंडल की मंजूरी से नीति तैयार करेंगे। इसमें जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों की तस्वीर प्रकाशित कराने को लेकर मानदंड बिल्कुल स्पष्ट होंगे।’

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिये गये कर्ज को क्षमता होने के बावजूद नहीं लौटाने वालों की संख्या दिसंबर2017 में बढ़कर 9,063 हो गयी। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने लोकसभा में प्रश्नों के लिखित जवाब में कहा कि ऐसे मामलों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की फंसी राशि 1,10,050 करोड़ रुपये है।
ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए सरकार ने पिछले सप्ताह बैंकों को उन कर्जदारों का पासपोर्ट ब्योरा लेने को कहा जिनके ऊपर 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक बकाया है। पासपोर्ट के ब्योरे से बैंकों को देश छोड़कर विदेश भागने वालों के खिलाफ समय पर कार्रवाई करने तथा संबद्ध प्राधिकरणों को इस बारे में सूचित करने में मदद मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या और जतिन मेहता समेत कई बड़े चूककर्ता देश छोड़कर बाहर चले गये हैं और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने से इनकार किया है। इससे वसूली प्रक्रिया प्रभावित हुई है। इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 50 करोड़ रुपये से अधिक के सभी फंसे कर्ज( एनपीए) वाले खातों की जांच करने तथा उसके अनुसार सीबीआई को रिपोर्ट करने को कहा है।

साथ ही मंत्रालय ने बैंकों से 250 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज पर नजर रखने और मूल शर्तों के उल्लंघन पर उसकी रिपोर्ट करने को कहा है। यह छह सूत्रीय सुधार उपायों का हिस्सा है।

ये भी पढ़ें:

 रूचि के अनुसार खबरें पढ़ने के लिए यहां किल्क कीजिए

(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुकट्विटर और यूट्यूब पर फॉलो भी करें