राहत… राजस्थान में तीन साल से बढ़ रही है बेटियों की संख्या

वर्ष 2021 तक 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 935 पहुंचने का अनुमान, भ्रूण लिंक परीक्षण के मामले में अब 125 डॉक्टरों को पकड़ा गया

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जयपुर: राज्य सरकार ने कहा है कि पिछले तीन साल से प्रदेश में बेटियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राज्य सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 1000 बालकों पर बालिकाओं की संख्या 888 थी, जिसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2021 की जनगणना में बेटियों की संख्या 930 से 935 तक रहने का अनुमान है।

यही नहीं भ्रूण लिंक की जांच करने वालों के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट तहत 145 मामले दर्ज कर 202 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 125 डॉक्टर शामिल हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने प्रश्नकर्ता जोगाराम पटेल के सवाल पर बुधवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।

बालिका के जन्म पर 50 हजार रुपए
सराफ ने बताया कि बालिका जन्म को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश में 1 जून, 2016 से मुख्यमंत्री राजश्री योजना लागू की गई है। इसमें बेटी के जन्म से लेकर छह किस्तों में 50 हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त ट्रांसपोर्ट वाउचर, गार्गी पुरस्कार, स्कूटी योजना, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, शारदे बालिका छात्रावास, सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण जैसे नवाचारों के माध्यम से भी बालिकाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सराफ ने कहा कि इसके लिए जो कार्मिक अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें पुरस्कृत करने के लिए भी योजना पर विचार किया जाएगा।

78 व्यक्तियों को दो-दो लाख का इनाम
सराफ ने बताया कि 1 अप्रेल 2014 से 28फरवरी 2017 तक कुल 39 डिकॉय ऑपरेशन किए गए। इनमें 10 अन्तरराज्यीय डिकॉय ऑपरेशन सम्मिलित हैं। उन्होंने बताया कि भ्रूण लिंग जांच की सूचना देने वाले 78 व्यक्तियों को मुखबीर योजना के तहत दो-दो लाख रुपए का इनाम दिया गया है। सभी 520 पंजीकृत केन्द्रों पर एक्टिव ट्रैकर उपकरण संबंध किए गए हैं, जिससे सोनोग्राफी मशीनों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाया जा सके।

21 डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन निलंबित
चिकित्साएवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत 145 मुकदमे दर्ज कर 202 व्यक्तियों को पकड़ा गया। इनमें 125 डॉक्टर और 77 दलाल एवं अन्य व्यक्ति शामिल हैं। भ्रूण लिंग जांच को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए पिछले तीन सालों में 520 सोनोग्राफी केन्द्रों का रजिस्ट्रेशन एवं 4750 सोनोग्राफी केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान 39 सोनोग्राफी केंद्रों का निलंबन, 76 सोनोग्राफी केंद्रों का रजिस्ट्रेशन निरस्त और 91 सोनोग्राफी मशीनों को सील किया गया।

दर्ज प्रकरणों में 63 परिवाद कोर्ट में पेश किए गए, जिनमें 108 लोगों अभियुक्तों कोर्ट ने दोष सिद्ध किया। वहीं, अधिनियम के उल्लंघन में दर्ज परिवादों में 21 डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन निलंबित किए हैं। हालांकि, कांग्रेस विधायक सुखराम विश्नोई ने सभी मामलों में चालान पेश नहीं करने पर सवाल उठाए।

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