नई दिल्ली: योगी सरकार ने पहली कैबिनेट की बैठक में किसानों को बड़ी राहत देते हुए एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया है। वही दूसरी और मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को सूखा प्रभावित किसानों के कर्ज माफ करने को कहा तो वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने संकेत दिए कि महाराष्ट्र में भी भाजपानीत सरकार किसानों की कर्जमुक्ति पर विचार कर रही है। कई अन्य राज्यों में भी इस तरह मांग तेज हो गई है।
पहली बार किसी हाई कोर्ट ने कर्ज माफ करने को कहा
मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के कर्ज माफ करने का आदेश दिया है। किसी हाई कोर्ट द्वारा कर्जमाफ करने के आदेश का संभवत: यह पहला मामला है। साथ ही अदालत ने सहकारी समितियों और बैंकों से कहा है कि वे बकाया वसूली करने से बचें। नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोसिएशन की याचिका पर जस्टिस एस. नागामुथु और जस्टिस एमवी मुरलीधरन की खंडपीठ ने कहा कि राज्य की वित्तीय हालत काफी खस्ता है।
यूपी में क्या हैं प्रमुख ऐलान गेहूं किसानों के लिए
- सीएम ने प्रदेश में 5000 गेंहू खरीद के केंद्र ठीक से काम करें ये सुनिश्चित किया जाएगा.
- कुल 80.25 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीद का लक्ष्य रखा गया है.
- 40 लाख मीट्रिक टन पहले चरण में खरीदा जाएगा.
- जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मांग के आधार पर और केंद्र बढ़ाए जा सकते हैं.
- 1625 रुपए कि एमएसपी के साथ 10रुपए प्रति क्विंटल ढुलाई के लिए दिए जाएगें.
- पैसे सीधे किसान के खातें में जाएं जिससे कि बिचौलियों से बचा जा सके.
- MSP के आलावा प्रत्येक टन गेहूं पर 10 रुपए ढुलाई और लदाई दी जाएगी
आलू किसानों के लिए
- आलू की पैदावार अच्छी होती है लेकिन किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलता है.
- बड़ी तादात में आलू की पैदावार में खर्च भी नहीं पूरा हो पाता है.
- सरकार सुनिश्चित करेगी कि आलू किसान को कैसे लाभ मिल सकता है.
- आलू किसानों को सही कीमत दिलाने के लिए भी एक कमेटी का गठन.
अखिलेश ने साधा निशाना:
उप्र के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार के कर्ज माफी के ऐलान को धोखा बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, वादा पूर्ण कर्ज माफी का था, किसी सीमा का नहीं। एक लाख की सीमा से करोड़ों किसान ठगा सा महसूस कर रहे हैं।’
ऊंट के मुंह में जीरा : कांग्रेस
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उप्र के किसानों पर 92,241 करोड़ रुपए का कर्ज है। जबकि सरकार ने फसल पर लिए गए 36,000 करोड़ रुपए के कर्ज को ही माफ किया है। 56,241 करोड़ का कर्ज बकाया रख कर भाजपा ने किसानों को मूर्ख बनाया है।
गर्व का विषय : शिवसेना
शिवसेना ने योगी सरकार के फैसले की खुलकर तारीफ करते हुए इसे गर्व का विषय बताया है।
आपको बताते चले कि सूखे के इस साल में जब किसान आत्महत्या कर रहे हैं, राज्य सरकार अकेले ही कर्ज का बोझ उठा रही है। सरकार पहले ही 5,780 करोड़ रुपए का भार अकेले उठा रही है और उस पर 1,980.33 करोड़ रुपए का बोझ और बढ़ जाएगा। ऐसे हालात में केंद्र सरकार को महज मूकदर्शक नहीं बने रहना चाहिए।
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