बकरीपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ

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हनुमानगढ़। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार एवं भारतीय स्टेट बैक द्वारा प्रायोजित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान मंे चल रहे बकरीपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के अनुदेशक मुकेश कुमार ने की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये अनुदेशक मुकेश कुमार ने बताया कि बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 15 प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक ट्रेनिंग दी गयी। उन्होने कहा कि बकरीपालन एक तरह से गरीब की गाय होती है, जिसे कम पूंजी लगाकर अच्छा व्यवसाय शुरू कर कम खर्च में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है इसलिये बकरीपालन को चलता फिरता एटीएम कहा जाता है।

संस्थान द्वारा द्वारा निदेशक पशुपालन विभाग हनुमानगढ़ के सहयोग से प्रतिभाशाली एवं कुशल पशु चिकित्सकों के माध्यम से बकरीपालन के लिये आवश्यक और महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे पशु पालने के लिये पशु को चारे व बीमारियों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता हैं जिससे कि वह भविष्य में व्यवसाय करते समय आने वाली छोटी बड़ी समस्याओं से बिना घबराये उसका उपचार समझकर अपने अनुभव से उपचार करवा सके। पशुपालन में स्वयं का बीमा और पशु का बीमा करवाने के महत्व को भी विस्तार से बताया गया जिससे कि स्वयं के जीवन व सम्पति की हानि से बचा जा सके। अनुदेशक अनिल सिंह राठौड़ ने कहा कि आरसेटी का मुख्य उद्देश्य कला के धनी लोगों को उनकी कला की पहचान करवाकर उन्हे उसी क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाता है जिससे कि वह अपनी कला में निपूर्ण होकर अपना स्वयं का स्वरोजगार कर सके।

उन्होने कहा कि आज के समय में बड़ी बड़ी कम्पनियां है जो कच्चा माल छोटे स्तर पर काम करने वाले लोगों से करवाकर अपने ब्रांड का नाम उस पर लगाकर करोड़ों कमा रही है, इसी लिये आरसेटी इन्ही प्रतिभागियों को कार्य प्रबंधन में भी निपूर्ण कर रही है जिससे कि आम व्यक्ति भी अपनी कला से अपना रोजगार अच्छे से कमा सकता है और अपना एक बड़ा व्यवसाय भी खड़ा कर सकता है। इस मौके पर अनुदेशक मुकेश कुमार, अनिल सिंह राठौड़, कार्यालय सहायक गणेशराम, रितिक अरोड़ा, सूरज, कुलदीप मौजूद थे।

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