बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ

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हनुमानगढ़। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार एवं भारतीय स्टेट बैक द्वारा प्रायोजित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन आज हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीडीएम दयानंद काकोडिया, एलडीएम राजकुमार थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक प्रेम सिंह पथरी ने की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये निदेशक प्रेम सिंह पथरी ने बताया कि बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 28 प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक ट्रेनिंग दी गयी। उक्त प्रशिक्षण के तहत प्रतिभागियों रोड़ावाली में बकरीपालकों के फार्म का निरीक्षण करवाया। उन्होने बताया कि साक्षात्कार करने से प्रतिभागियों के मन की जिज्ञासा की कम हुई और उन्हे अपने प्रश्नों का जवाब भी बकरीपालकों से मिला। साथ ही व्यवसाय प्रारम्भ करने से पूर्व किन बातों की सावधानी रखनी चाहिए उसकी भी जानकारी ली। मुख्य अतिथि दयानंद काकोडिया ने कहा कि बकरी पालन एक तरह से गरीब की गाय होती है, जिसे कम पूंजी लगाकर अच्छा व्यवसाय शुरू कर कम खर्च में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है इसी लिये बकरी पालन को चलता फिरता एटीएम कहा जाता है।
संस्थान द्वारा द्वारा निदेशक पशुपालन विभाग हनुमानगढ़ के सहयोग से प्रतिभाशाली एवं कुशल पशु चिकित्सकों के माध्यम से बकरी पालन के लिये आवश्यक और महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे पशु पालने के लिये पशु को चारे व बीमारियों से बचाव का संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता हैं। जिससे कि वह भविष्य में व्यवसाय करते समय आने वाली छोटी बड़ी समस्याओं से बिना घबराये उसका उपचार समझकर अपने अनुभव से उपचार करवा सके। एलडीएम राजकुमार ने बताया कि पशुपालन में स्वयं का बीमा और पशु का बीमा करवाने के महत्व को भी विस्तार से बताया गया जिससे कि स्वयं के जीवन व सम्पति की हानि से बचा जा सके।
उन्होने कहा कि आरसेटी का मुख्य उद्देश्य कला के धनी लोगों को उनकी कला की पहचान करवाकर उन्हे उसी क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाता है जिससे कि वह अपनी कला में निपूर्ण होकर अपना स्वयं का स्वरोजगार कर सके। उन्होने कहा कि आज के समय में बड़ी बड़ी कम्पनियां है जो कच्चा माल छोटे स्तर पर काम करने वाले लोगों से करवाकर अपने ब्रांड का नाम उस पर लगाकर करोड़ों कमा रही है, इसी लिये आरसेटी इन्ही प्रतिभागियों को कार्य प्रबंधन में भी निपूर्ण कर रही है जिससे कि आम व्यक्ति भी अपनी कला से अपना रोजगार अच्छे से चला सकता है और अपना एक बड़ा व्यवसाय भी खड़ा कर सकता है। कार्यक्रम के अंत में समस्त प्रशिक्षार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर अनुदेशक मुकेश कुमार, अनिल राठौड़, कार्यालय सहायक गणेशराम, रितिक अरोड़ा, महेन्द्र कुमार व सूरज कुमार मौजूद थे।

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