ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023: भुखमरी के मामले में भारत का पाक-नेपाल से भी खस्ता हाल, देखें रैंकिग लिस्ट

भारत सरकार का कहना है कि गलत जानकारी देना ग्लोबल हंगर इंडेक्स का हॉलमार्क लगता है। भारत को ऐसे देश के रूप में दिखाया जा रहा है जो अपनी आबादी के लिए फूड सिक्योरिटी और पोषण की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है।

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index 2023) की 2023 की सालाना रिपोर्ट आ गई है। भुखमरी के मामले में भारत गंभीर स्थिति वाला देश बताया गया है। भारत 125 देशों में 111वें नंबर पर है। भारत की रैंकिग में लगातार तीसरे साल गिरावट दर्ज की गई है। वहीं इस रिपोर्ट के आते विपक्ष सरकार पर हावी हो चुका है। रिपोर्ट में भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति बेहतर है। हंगर इंडेक्स की लिस्ट में पाकिस्तान की रैंकिंग 102, बांग्लादेश की 81, नेपाल की 69 और श्रीलंका की 60 है।

देखा जाए तो पूरे दक्षिण एशिया में भारत सिर्फ अफगानिस्तान से ऊपर है। तालिबान शासित अफगानिस्तान सूची में 114वें स्थान पर है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 28.7 स्कोर के साथ भारत में भुखमरी की स्थिति को गंभीर बताया गया है। इससे पहले 2022 में 121 देशों की लिस्ट में भारत 107 नंबर पर था। 2021 में भारत को 101वां रैंक मिला था​।

हालांकि भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को गलत और और भ्रामक बताया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स भारत की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है। भारत ने आरोप लगाया कि यह देश की छवि खराब करने का प्रयास है।

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केंद्र के मुताबिक, इस इंडेक्स के चार में से तीन इंडिकेटर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। वहीं चौथा और सबसे महत्वपूर्ण इंडिकेटर ओपिनियन पोल पर आधारित है।

क्या कहती है भारत के बारें में रिपोर्ट
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बच्चों की कमजोरी की दर 18.7 प्रतिशत दुनिया में सबसे ज्यादा है। यह अति कुपोषण को दर्शाती है। वहीं, भारत में अल्पपोषण की दर 16.6 प्रतिशत और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 15 से 24 वर्ष उम्र की महिलाओं में एनीमिया 58.1 प्रतिशत है।

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या होता है?
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) बताता है कि किसी भी देश में भुखमरी की स्थिति क्या है। इस लिस्ट को हर साल कंसर्न वर्ल्डवाइड और वर्ल्ड हंगर हेल्प (जर्मनी में Welthungerhilfe) नामक यूरोपीयन NGO तैयार करते हैं। दुनियाभर के अलग-अलग देशों में 4 पैमानों का आंकलन करने के बाद इंडेक्स को तैयार किया जाता है।

 

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किस तरह से तैयार होती है ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट
हर देश का GHI स्कोर 3 डायमेंशन के 4 पैमानों पर कैलकुलेट किया जाता है। ये तीन डायमेंशन हैं- अंडररिशमेंट, चाइल्ड मोर्टालिटी, चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन। चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन में दो कैटेगरी हैं- चाइल्ड वेस्टिंग और चाइल्ड स्टंटिंग।

1. अंडरनरिशमेंट: अंडरनरिशमेंट यानी एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर के लिए जरूरी कैलोरी नहीं मिलना। आबादी के कुल हिस्से में से उस हिस्से को कैलकुलेट किया जाता है जिन्हें दिनभर की जरूरत के मुताबिक पर्याप्त कैलोरी नहीं मिल रही है।

2. चाइल्ड मोर्टालिटी: चाइल्ड मोर्टालिटी का मतलब हर एक हजार जन्म पर ऐसे बच्चों की संख्या जिनकी मौत जन्म के 5 साल की उम्र के भीतर ही हो गई।

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3. चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन: इसमें 2 कैटेगरी आती हैं-

चाइल्ड वेस्टिंग: चाइल्ड वेस्टिंग यानी बच्चे का अपनी उम्र के हिसाब से बहुत दुबला या कमजोर होना। 5 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे, जिनका वजन उनके कद के हिसाब से कम होता है। ये दर्शाता है कि उन बच्चों को पर्याप्त पोषण नहीं मिला इस वजह से वे कमजोर हो गए।

चाइल्ड स्टंटिंग: चाइल्ड स्टंटिंग का मतलब ऐसे बच्चे जिनका कद उनकी उम्र के लिहाज से कम हो। यानी उम्र के हिसाब से बच्चे की हाइट न बढ़ी हो। हाइट का सीधा-सीधा संबंध पोषण से है। जिस समाज में लंबे समय तक बच्चों में पोषण कम होता है वहां बच्चों में स्टंटिंग की परेशानी होती है।

इन तीनों आयामों को 100 पॉइंट का स्टैंडर्ड स्कोर दिया जाता है। इस स्कोर में अंडरनरिशमेंट, चाइल्ड मोर्टलिटी और चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन तीनों का एक-एक तिहाई हिस्सा होता है। स्कोर स्केल पर 0 सबसे अच्छा स्कोर होता है, वहीं 100 सबसे बुरा।

 

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भारत के खिलाफ गलत जानकारी देना ग्लोबल हंगर इंडेक्स का हॉलमार्क
भारत के मामले में ग्लोबल हंगर इंडेक्स हर साल चर्चा में रहती है। हर साल सरकार इसके जारी आंकड़ों पर सवाल उठाती है। भारत सरकार का कहना है कि गलत जानकारी देना ग्लोबल हंगर इंडेक्स का हॉलमार्क लगता है। भारत को ऐसे देश के रूप में दिखाया जा रहा है जो अपनी आबादी के लिए फूड सिक्योरिटी और पोषण की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है। यह इंडेक्स भुखमरी को गलत तरीके से मापता है। इसमें जो मेथड इस्तेमाल किया जाता है वह भी गंभीर रूप से गलत है।

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