उत्तर प्रदेश: कानपुर की एक लड़की ने खुद को इसलिए फांसी लगा दी क्योंकि वो अपने पापा से बहुत प्यार करती थी। परिवार के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार मृतका स्नेहा अपने पिता की मौत से सदमे थी। पुलिस ने लड़की के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है
अपनी मौत के लिए पिता की मौत का दिन चुना-
परिवार के अनुसार लड़की ने फांसी के लिए 3 नवंंबर, समय साढ़े पांच बजे का समय चुना जिस समय उसके पिता अनिरुद्ध सेंगर की मौत हो गई थी। ये ही नहीं उसने वही कमरा और वही बेड भी चुना जिसपर पिता की कैंसर से मौत हुई थी। वो अपने पिता से इस कदर प्यार करती थी कि उनके यूज के सभी सामान को उसने संभाल के रखा था। वो उनके सामान को किसी को हाथ तक नहीं लगाने देती थी।
एक साल पहले हुई थी पिता की मौत-
- कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में रहने वाले केडीए कर्मचारी अनिरुद्ध सेंगर की मौत एक साल पहले 3 नवंंबर शाम साढ़े पांच बजे हुई थी।
- उनकी मौत के बाद परिवार में उनकी पत्नी अंजली सेंगर, बेटा प्रफुल सेंगर, बेटी स्नेहा सेंगर (25) और बेटी नेचर (सबसे छोटी) थी।
- पिता की मौत के बाद उनके बेटे प्रफुल को उनकी जगह नौकरी मिल गई थी, इससे परिवार का भरण-पोषण चल रहा था।
- स्नेहा अपने पिता से बहुत प्यार करती थी और उनकी मौत के बाद से वह परेशान रहती थी।
घर में अकेली थी स्नेहा
- लड़की के भाई प्रफुल ने बताया कि शाम के वक्त मां और छोटी बहन नेचर मार्केट गई थी।
- घर पर स्नेहा अकेले थी। जब मैं केडीए से वापस लौटा तो गेट अंंदर से बंद था, काफी देर तक डोरबेल बजाने के बाद भी कोई रिस्पांस नहींं मिला।
- मैंने मकान के पीछे वाले से गेट की दीवार फांद कर अंंदर जाकर देखा तो सभी कमरों के गेट खुले थे, लेकिन स्नेहा का रूम अंंदर से बंद था।
- जब खिड़की से झांक कर देखा तो उसका शव फंदे से लटक रहा था।
- इसके बाद उसने इसकी सूचना पुलिस और मां को दी।
- -जब पुलिस आ गई तो कमरे का गेट तोड़ कर शव को पंखे के कुंडे से नीचे उतारा गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
सुबह से कर रही थी बहकी-बहकी बातें
- वहीं लड़की की मां अंजली के मुताबिक, स्नेहा मेरी सबसे बहादुर बेटी थी।
- वो कैसे फांसी लगा सकती थी। जितना वो अपने पापा से प्यार करती थी, उतना ही हम सभी से।
- गुरुवार सुबह से ही वो बहकी-बहकी बातें कर रही थी। वो कह रही थी कि आज के ही दिन पापा हम सभी को छोड़ कर चले गए थे और यही बात कह कर रो रही थी।