शक्तिपीठ धनोप माता मंदिर पर हुई घटस्थापना।

0
984

संवाददाता भीलवाड़ा। शक्तिपीठ धनोप माता भीलवाड़ा जिले के फुलियाकला उपखंड के पास धनोप गांव में ऊंचे टीले पर मंदिर में विराजमान है जो 7 बहीनों के साथ प्रकट हुई प्रथम श्री अष्टभुजा जी, द्वितीय श्री अन्नपूर्णा जी, तृतीय श्री चामुंडा जी, चतुर्थ श्री महिषासुरमर्दिनी (बिश्वनजी), पंचम श्री कालकाजी इन पांचों मूर्तियो के दर्शन पुजारी द्वारा श्रृंगार करने पर होते हैं तथा 2 मूर्तियां श्रृंगार के अंदर ही रहकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है माता का श्रृंगार फूल व पाती से किया जाता है। निज मंदिर छतरी में शिव शक्ति का जोड़ा परिवार सहित विराजित है और ब्रह्मा, विष्णु, महेश, 64 जोगणिया विराजित है । उत्तर मुख पर ओगड़ नाथ बालाजी विराजित है। मंदिर के सामने भैरवनाथ मंदिर स्थापित हैं जहां
भूत-प्रेत,बाहरी हवाओ का इलाज होता है। धनोप माता की आरती हर रोज सुबह शाम दोनो समय होती है लेकिन नवरात्रा के समय एकम से लेकर दशमी तक प्रातः 3:30 बजे मंगला आरती , 8 बजे मुख्य आरती और 7 बजे सायं आरती होती है। दसमी समापन जवारा विसर्जन पर दिन को 11:30 बजे आरती होती है। नवरात्राघटस्थापना अमावस्या के दिन 12:15 बजे आरती होती है। मंदिर का विकास तीव्र गति से चल रहा है। धनोप माता का वरदान है कि 20 दायमा परिवारों द्वारा पूजा की जाती है न तो यह परिवार 19 होंगे न ही 21 होंगे।मतलब यह परिवार न तो घटता है न बढ़ता है 20 के 20 ही रहते हैं।
मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह राणावत तथा पुजारी रमेश चंद्र पंडा ने बताया कि नवरात्र घट स्थापना अमावस्या बुधवार को दिन में 12:15 बजे मंत्रोच्चारण के साथ आरती हुई मंदिर परिसर में लाइट डेकोरेशन, पानी की व्यवस्था, बिजली की व्यवस्था, धर्मशाला व्यवस्था आदि व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मेले का आयोजन होगा । अस्थाई दुकानों का आवंटन नहीं होगा। मंदिर परिसर में लगी स्थाई दुकान दारो को गाइडलाइन की पालना करते हुए भीड़ इकट्ठा ना होने दें। धनोप माता मेले के दौरान प्रशासन की भी उचित व्यवस्था रहेगी।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।