पाकिस्तान से आई गीता के स्वंयवर की तैयारियां शुरू, किसी ने किए साथ जीने-मरने के वादे, किसी ने तोड़ा दिल

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भोपाल: अक्टूबर 2015 में पाकिस्तान से भारत लाई गई मूक-बधिर गीता से शादी करने के लिए गुरुवार को इंदौर, भोपाल, टीकमगढ़ और अहमदाबाद से 4 युवक पहुंचे। इनमें 2 मूक-बधिर थे। चारों युवक तय समय सुबह 11 बजे इंदौर के मूक-बधिर प्रौढ़ प्रशिक्षण केंद्र पहुंचे। एक युवक ने साफ कर दिया कि वह गीता के लिए सांकेतिक भाषा नहीं सीखेगा। वहीं भोपाल का पूरा परिवार गीता के लिए सांकेतिक भाषा सीखने को तैयार है।

ढाई साल में गीता की शादी करवाने के लिए दो महीने से लड़के की तलाश की जा रही थी। शादी के लिए मप्र के अलावा अन्य राज्यों के युवकों ने भी इच्छा जताई थी। कुल 14 युवकों का बायोडेटा फाइनल किया गया था। गुरुवार को 6 युवकों से मुलाकात तय थी, लेकिन दो युवक नहीं पहुंचे।

एक युवक ने आने से पहले ही पूछना शुरू कर दिया कि शादी के बाद नौकरी मिलेगी या नहीं? घर मिलेगा या नहीं? हालांकि वह युवक पहुंचा ही नहीं। शुक्रवार को आठ युवकों से मुलाकात तय है। इनमें से एक की शादी हो चुकी है। यहां कुछ बातचीत के अंश दिए जा रहे हैं जो गीता की मुलाकात के दौरान निकल कर सामने आए।

गीता ने लड़कों से पूछा- किसी से अफेयर तो नहीं है?
दोपहर करीब 12.30 बजे नीले रंग के सलवार सूट में गीता संस्थान पहुंची। मूक बधिर संगठन की संचालिका उषा पंजाबी, मोनिका पंजाबी, ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित सहित सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी मौजूद थे। बारी-बारी से गीता ने युवकों से बात की। सभी से पूछा कि खुद का घर है? कितने कमरे हैं? किसी से अफेयर तो नहीं है?

शादी के बाद मिल जाएंगे नए परिजन
इंदौर के सचिन (27) मोल्डिंग मशीन ऑपरेटर हैं। वे मां-बहन के साथ आए थे। वे आंशिक रूप से श्रवण बाधित हैं। उन्होंने कहा, पेपर में गीता के बारे में पढ़ा था। इसलिए शादी करना चाहता हूं। गीता के परिजन को ढूंढ रहे हैं। इतना समय व पैसा बर्बाद कर रहे हैं। शादी के बाद उन्हें नए माता-पिता मिल जाएंगे। मैं गीता के लिए सांकेतिक भाषा नहीं सीखूंगा।

सांकेतिक भाषा सीख जीवनभर साथ रहूंगा
भोपाल के प्रेमनारायण स्वर्णकार और कमला स्वर्णकार के बेटे राजकुमार ई-रजिस्ट्री, स्टाम्प का काम करते हैं। राजकुमार बोले- मैं भी विकलांग हूं। सांकेतिक भाषा सीखकर जीवनभर गीता के साथ रहना चाहता हूं। पिता प्रेमनारायण ने कहा- हमने तय किया है कि साइन लैंग्वेज पूरा परिवार सीखेगा। हम गीता को बेटी की तरह रखेंगे।

खुश रखने की पूरी कोशिश करूंगा
अहमदाबाद के 26 वर्षीय रितेश पटेल पिज्जा हट में काम करते हैं। वे बोले गीता के बारे में फेसबुक से पता चला था। मैं गीता को लंबे समय से फेसबुक पेज पर फॉलो कर रहा हूं। मैं गीता को हर समय खुश रखने की कोशिश करूंगा। वे मुझे बहुत पसंद हैं, इसलिए मैं उनसे शादी करना चाहता हूं। अभी तक गीता को मैंने फोटो में ही देखा था।

गीता जीवनसाथी बने तो अच्छा लगेगा
अरुण नामदेव (30) टीकमगढ़ में एक्साइज विभाग में काम करते हैं। मूक-बधिर अरुण की तीन बहनें और एक छोटा भाई है। अरुण ने कहा गीता को सभी जानते हैं। वे फेमस हैं। सेलिब्रिटी हैं। अगर ऐसी लड़की मेरी जीवनसाथी बने तो मुझे अच्छा लगेगा। गीता की इच्छा है कि उनके परिजन को ढूंढा जाए तो मैं इसमें उनकी पूरी मदद करूंगा।

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