उत्तर प्रदेश: बीएचयू परिसर में छात्राओं के साथ हुई छेड़खानी के विरोध में शुरू हुए धरना प्रदर्शन को राजनीतिक रूप देने की कोशिश की गई। इसकी जानकारी एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, सुबह का धरना कुछ ही घंटे बाद बाहरी तत्वों और राजनीतिक दलों द्वारा संभाल लिया गया। इसमें वामपंथियों सहित अवसर की ताक में जुटे कांग्रेसी और एनएसयूआई के लोग शामिल थे। इतना ही नहीं बीएचयू परिसर को लेकर नकारात्मक भाव रखने वालों से लेकर अन्य ने बाकायदा फंडिंग करते हुए खाने-पीने की व्यवस्था के साथ बैनर-पोस्टर लगाए। इसी में से एक बड़ा पोस्टर लहुराबीर में लगाया गया, जिसके शब्द बेहद असंसदीय थे। रिपोर्ट के मुताबिक छात्र आंदोलन को हवा देने वाले स्लीपिंग माड्यूल में इलाहाबाद, हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली से लोग छात्र-छात्राओं की शक्ल में आए थे।
बीएचयू मामले को खुफिया विभाग ने सुनियोजित करार दिया है। पूरे मामले को बड़ा बनाने के लिए बीएचयू प्रशासन को भी दोषी माना गया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, 21 सितंबर की शाम भारत कला भवन के पास जब छात्रा से छेड़खानी हुई तो सबसे पहले समीप मौजूद बीएचयू के सुरक्षाकर्मियों ने बेतुके बोल बोलते हुए व्यथित किया। बाद में प्रॉक्टोरियल बोर्ड में छात्रा ने लिखित शिकायत की तो उसे लंका थाने को फॉरवर्ड करने के बजाय रातभर दबाए रखा गया।
22 सितंबर की सुबह जब छात्राएं बीएचयू गेट पर धरने पर बैठ गईं तब जाकर शिकायत थाने पहुंचाई गई और पुलिस ने छेड़खानी का मुकदमा दर्ज किया। उधर, सुबह से ही बीएचयू के कुलपति को बुलाने की मांग छात्राएं कर रही थीं लेकिन वह नहीं गए। शाम को पीएम को लंका होकर मानस मंदिर जाना था लेकिन बीएचयू और जिला प्रशासन ने “आंतरिक व बाहरी” मामला बताते हुए गेंद एक-दूसरे के पाले में फेंकनी शुरू कर दी।
15 लोगों ने लिखित में दी अर्जी-
शासन के निर्देश पर सोमवार को कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण व एडीजी बी महापात्र ने बीएचयू प्रकरण पर कमिश्नरी में सुनवाई की। इसमें 15 लोगों ने लिखित और 12 लोगों ने टेलीफोनिक शिकायत करते हुए साक्ष्य उपलब्ध कराए।
लाठी जार्ज में किसका हाथ-
लाठीचार्ज की जांच के लिए समाजवादी पार्टी की ओर से नौ सदस्यीय दल गठित किया गया था। सोमवार को यह दल सैकड़ों सपाइयों के साथ दोपहर में बीएचयू में दाखिल होने लगा तो वहां मौजूद फोर्स के साथ काफी धक्का मुक्की हुई। अंततः 114 सपाइयों को गिरफ्तार किया गया।
इस पूरे मामले में मीरजापुर में मां विंध्यवासिनी का दर्शन कर लौटते समय राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने वाराणसी एयरपोर्ट पर कहा कि बीएचयू का मामला विरोधियों को एक मौके की तरह मिल गया है, जिसके चलते वे प्रधानमंत्री को बदनाम करने जुट गए हैं। छात्राओं से छेड़खानी निंदनीय है और इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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