पूर्व CM बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन, पीएम मोदी को बताया था देश के लिए खतरनाक, जानें इनके बारें में सबकुछ

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पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीआई (एम) नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य (buddhadeb bhattacharya) का गुरुवार (8 अगस्त) को निधन हो गया। पूर्व सीएम ने 80 साल की उम्र में कोलकाता स्थित घर पर अंतिम सांस ली। सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने उनकी मौत की पुष्टि की है।

बुद्धदेव को पश्चिम बंगाल की औद्योगिक क्रांति के लिए जाना जाता है। उनके परिवार में उनकी पत्नी मीरा और बेटी सुचेतना हैं। पद्म भूषण सम्मान लेने से मना करने वाले बुद्धदेव भट्टाचार्य के देहांत पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दुख जताया।

बुद्धदेव भट्टाचार्य बढ़ती उम्र से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे। उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत थी। पिछले कुछ समय से उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। पिछले साल उन्हें निमोनिया भी हुआ था। लाइफ सपोर्ट पर रहने के बाद वे ठीक हो गए थे।

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पीएम मोदी को बताया था देश के लिए खतरनाक
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद देश में NDA की सरकार आई थी। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का पीएम चुना गया था। चुनाव से पहले बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा था- अगर मोदी पीएम बनते हैं तो ये देश के लिए बहुत खतरनाक होगा।

औद्योगीकरण के कारण सत्ता गंवाई
बुद्धदेव भट्टाचार्य के मुख्यमंत्री बनने के बाद बंगाल की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ। बंगाल में खूब विदेशी निवेश आया। उनके नेतृत्व में कई नए उद्योग और आईटी कंपनियां आईं। वह पश्चिम बंगाल में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे थे। औद्योगीकरण अभियान के दौरान वह पश्चिम बंगाल में कारखाने स्थापित करने के लिए काम कर रहे थे। टाटा नैनो कारखाने के लिए कोलकाता के पास सिंगूर में कारखाने के लिए जमीन दी गई। उनकी योजना विफल हो गई। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें नुकसान हुआ।

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बुद्धदेव ने पद्म भूषण लेने से इनकार किया
साल 2022 में बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म भूषण देने की घोषणा की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया। CPIM महासचिव सीताराम येचुरी ने बताया था- बुद्धदेव ने कहा है कि मैं पद्म भूषण सम्मान के बारे में कुछ नहीं जानता। मुझे किसी ने इसके बारे में नहीं बताया। अगर मुझे पद्म भूषण सम्मान दिया गया है तो मैं इसे अस्वीकार कर रहा हूं।

बुद्धदेव भट्टाचार्य के बारें में
बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म 1 मार्च 1944 को उत्तरी कोलकाता में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे संस्कृत स्कॉलर, पुजारी और लेखक भी थे। उन्होंने पुरोहित दर्पण नाम से एक पुरोहित मैनुअल की रचना की थी जो पश्चिम बंगाल में बंगाली हिंदू पुजारियों के बीच आज भी लोकप्रिय है।

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