बागी नेता यशवंत सिन्हा ने पार्टी छोड़ी, कहा- लोकतंत्र खतरे में है

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बिहार: बीजेपी से चार साल नाराज चल रहे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार को पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। मिशन-2019 में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश को लेकर पटना के एसकेएम हॉल में आयोजित राष्ट्र मंच से भाजपा के बागी नेता यशवंत सिन्हा ने पार्टी छोड़ने का एलान किया। उन्होंने बताया‌‌- “मैं पार्टी और चुनावी राजनीति से संन्यास ले रहा हूं। साथ ही भाजपा से सभी तरह के संबंध तोड़ रहा हूं।

आज लोकतंत्र खतरे में है। ” इस अधिवेशन में भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा कांग्रेस, आरजेडी के नेता मौजूद थे। बता दें कि 80 साल के यशवंत सिन्हा मोदी सरकार के जीएसटी और नोटबंदी जैसे फैसलों का विरोध कर चुके हैं।

हमारा प्रजातंत्र खतरें में-
यशवंत सिन्हा ने कहा- “अगर मैं आपके सामने खड़ा हूं तो इसीलिए खड़ा हूं कि जो देश की परिस्थिति आज के दिन है, उस पर आपको और हमको मिलकर विचार करना है। हमारे कितने सारे साथी यहां हैं। हम सब मिलकर एक मंच बना रहे हैं, जिसका नाम है राष्ट्रमंच।”

“हम लोगों ने कहा कि ये राजनीतिक दल नहीं है। ना हमारा इरादा है कि हम आगे इसे राजनीतिक दल बनाएं। लेकिन, देश की परिस्थिति को देखते हुए कुछ चिंता के विषय़ हैं, जिसके बारे में अगर हम आज चुप रह जाते हैं तो आने वाली पीढ़ियां हमें दोष देंगी कि आप चुप क्यों रह गए। राष्ट्रमंच का निर्माण इसीलिए कहा। दोस्तों… जानबूझकर मित्रों नहीं कह रहा हूं। आज हम सब यहां इकट्ठे हुए हैं तो क्यों इकट्ठा हुए हैं इसलिए हुए हैं कि हम सबको लगता है कि आज प्रजातंत्र खतरे में है।

क्या है राष्ट्रमंच-
इस साल 30 जनवरी को यशवंत सिन्हा ने राष्ट्र मंच की शुरुआत की थी। इसमें वे लोग शामिल हैं, जो देश के मौजूदा हालात को खराब मानते हैं और उससे खुश नहीं हैं। वह इस दल में शामिल है। आपको बता दें इसे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करने के लिहाज से भी देखा जा रहा है।

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