नहरों में पानी छोड़ने की मांग को लेकर किसानों ने पानी छोड़ने की मांग की

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हनुमानगढ़। भाखड़ा की नहरों में पानी छोड़ने की मांग को लेकर शुक्रवार को हजारों किसानों ने सिंचाई विभाग पर पड़ाव डालते हुए शाम से पहले पहले भाखड़ा में पानी छोड़ने की मांग की। आयोजित सभा को संबोधित करते हुए रायसिंह बंसरीवाला ने बताया कि हरिके बैराज से तीन दिन पहले पानी छोड़ दिया गया है परन्तु आज दिन तक भाखड़ा को पानी नही दिया गया है। पानी हरिके में 8200 क्यूसेक है फिॅर भी भाखड़ा में 400 क्युसेक पानी दिया गया है। मुख्य अभियंता की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते किसान नरमें की बिजाई के लिए परेशान है। उन्होने कहा कि मुख्य अभियंता एसी की ठण्डी हवा में बैठकर भी समय पर पौड़ व रेगुलेशन तैयार कर खेतों में परेशान और बेहाल किसान को राहत नही दे पा रहे। उन्होने कहा कि लाखों रूपये तनख्वाह लेने वाले अधिकारी किसानों की समस्या न तो समझ पा रहे है और न ही उसका समाधान कर रहे है। किसानों ने मुख्य अभियंता से मांग की है कि भाखड़ा क्षेत्र के किसानों को 1200 क्यूसक पानी 1800 फुट पौड़ बनाकर नही दिया जाये। परन्तु विभाग कह रहा है कि शनिवार को यह पानी मिलेगा परन्तु किसानों का कहना है कि किसानों का बीत रहा एक एक घंटा किसानों के लिए भारी हो रहा है क्यो कि नरमें की बिजाई का समय निकलता जा रहा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर शाम तक पौड़ बनाकर पानी भाखड़ा में 1200 क्यूसेक नही दिया तो इसके नतीजे गंभीर होगे। किसानों ने एक सुर में शुक्रवार शाम तक पानी लेने की मांग की। किसानों की चीफ से हुई वार्ता के बाद एक कमेटी बनाई गई जिसमें एससी व किसानों के सदस्य शामिल है। उक्त टीम दोपहर 2 बजे 322 आरडी पर निरक्षण करने गई है। किसानों ने विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग कह रहा है कि पौड़ बनाने पर 322 आरडी मतलब यहां से 175 बुर्जी पीछे दबाव पड़ेगा जबकि ऐसा कुछ नही है विभाग केवल बहानेबाजी कर रहा है। उन्होने कहा कि 175 बुर्जी पीछे 322 आरडी पर उक्त टीम निरीक्षण करने गई है और परिणाम आते ही अगर किसानों को शाम तक पानी नही दिया गया तो आन्दोलन उग्र किया जायेगा। इस मौके पर रायसिंह बसरीवाला, सरदुल सिंह बिस्सू मोरजंड, बद्री भादू, सतवीर सिंह मोहनपुरा, यादवेन्द्र बनवाला, रणजीत सिंह राजू, बबू सिंह मोरजंड, पवन ताडा, जयचंद गिरी व अन्य लोगों ने सभा को संबोधित किया। खबर लिखे जाने तक किसान सिंचाई विभाग पर पड़ाव डाले बैठे हुए थे।

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