नहरो में पानी देने की मांग को लेकर चौथे दिन जिला कलैक्ट्रैट पर महापड़ाव जारी

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हनुमानगढ़। भाखड़ा की नहरो में पानी देने की मांग को लेकर चौथे दिन जिला कलैक्ट्रैट पर महापड़ाव जारी रहा। जिला कलैक्ट्रैट के गेट पर डटे किसानों ने दिन भर सरकार व प्रशासन के विरोध में नारेबाजी कर विरोध दर्ज करवाया। सभा को किसान नेता रणजीत सिंह राजू, डॉ. सौरभ राठौड़, सुभाष मक्कासर, गगनदीप सिंह, कुलदीप चहल, रायसाहब मल्लड़खेड़ा, सुभाष मक्कासर, बाबू सिंह मोरजड़, यादवेन्द्र सिंह बनवाला, बाबा सुखचारण सिंह बुगलावाली, ओंकार सिंह ढिल्लो ने संबोधित करते हुए किसानों में जोश भरते हुए कहा कि किसानों की एकता की सदैव जीत होती आई है। नहरों में पानी के लिए किसानों को सदैव संघर्ष करना पड़ा है और सदैव पानी लेकर ही अपने घरों को गये है। उन्होने कहा कि किसानों की एकता इस बार भी जीतेगी और प्रशासन को झुका कर रहेगे। दिन भर चले महापड़ाव के बाद जिला कलक्टर के बुलावें पर किसानों का प्रतिनिधिमण्डल जिला कलक्टर से वार्ता करने गया। वार्ता के दौरान भाखड़ा की नहरों में 1250 क्यूसेक पानी की एकमात्र मांग को लेकर किसान अड़े रहे।

जिला कलक्टर के साथ चली लगभग 40 मिनट की वार्ता के बाद जिला कलक्टर मध्यस्ता से सोमवार को सुबह 11 बजे जयपुर में एसीएस व सीएस से वार्ता तय की गई। किसानों ने एकसुर में भाखड़ा की नहरों में 1250 क्यूसेक पानी की मांग की और दो टूक कहा कि जब तक नहरों में 1250 क्यूसेक पानी नही आता यह महापड़ाव जारी रहेगा। उक्त महापड़ाव के प्रथम दिन से सेवादारों द्वारा विभिनन गावो से लंगर सेवा चल रही है, आज भी गांव बुधसिंहवाला, हिरणावाली, उत्तमसिंह वाला के ग्रामीणों द्वारा भी लंगर की सेवा की गई। रविवार को तापमान के अधिक बढ़ने के कारण ठण्डे मीठे जल व चाय की छबील लगाई गई। इस मौके पर जिला परिषद डायरेक्टर मनीष मक्कासर, देवेन्द्र पारीक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी धरने को सर्मथन दिया। वही किसानों ने साफ ऐलान कर दिया है कि कलेक्ट्रेट से हटेंगे नहीं और मंगलवार को हजारों की संख्या में हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट पर इकट्ठा होकर प्रशासन को ठप्प कर देंगे और अपने हक का सिंचाई पानी लेकर ही जाएंगे।

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