एसबीआई आरसेटी में वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन

24

हनुमानगढ़। भारतीय रिजर्व बैंक (त्ठप्) द्वारा शुक्रवार को एसबीआई आरसेटी में वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन को वित्तीय जागरूकता प्रदान करना, साइबर धोखाधड़ी से बचाव के उपाय बताना और विभिन्न ऋण योजनाओं की जानकारी देना था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरबीआई एजीएम अखिलेश कुमार तिवाड़ी, नाबार्ड एजीएम दयानंद काकोडिया, और एसबीआई एलडीएम राजकुमार थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आरसेटी निदेशक बिधु शंकर ने की। शिविर में डेयरी और बकरी पालन से जुड़े प्रशिक्षणार्थियों सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान आरबीआई एजीएम अखिलेश कुमार तिवाड़ी ने वित्तीय साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि बैंक कभी भी ग्राहकों से फोन, ईमेल या एसएमएस के माध्यम से ओटीपी, पासवर्ड या पिन नहीं मांगता। उन्होंने नागरिकों को किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करने और संदिग्ध कॉल से सतर्क रहने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन लेन-देन करते समय सतर्कता बरतना अत्यंत आवश्यक है। यदि किसी व्यक्ति को साइबर धोखाधड़ी का शिकार बनाया जाता है, तो उसे तुरंत बैंक और साइबर सेल को सूचित करना चाहिए ताकि समय रहते धन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
नाबार्ड के एजीएम दयानंद काकोडिया ने कार्यक्रम के दौरान डेयरी और बकरीपालन प्रशिक्षणार्थियों को कृषि प्रबंधन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार छोटी-छोटी बचत करके वित्तीय स्थिरता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने किसानों और छोटे उद्यमियों को बचत योजनाओं में निवेश करने और बैंकिंग प्रणाली का अधिकतम लाभ उठाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि नाबार्ड ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रहा है, जिससे किसान और पशुपालक अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं।
एसबीआई एलडीएम राजकुमार ने बैंक द्वारा चलाई जा रही विभिन्न ऋण योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (ज्ञब्ब्) और स्टैंड अप इंडिया योजना जैसे कई सरकारी कार्यक्रमों के तहत छोटे व्यवसायियों और किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बैंकिंग प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि बैंकों के माध्यम से ऋण लेकर स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा सकता है और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।
आरसेटी निदेशक बिधु शंकर ने कहा कि उनकी संस्था विभिन्न क्षेत्रों के प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें वित्तीय साक्षरता से परिचित कराने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आरसेटी के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वे न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें बल्कि अपने क्षेत्र के अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर प्रदान कर सकें। मंच का संचालन वीरेन्द्र भारद्वाज ने किया।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।