कलयुगी बाप ने बनाया नाबालिग़ बेटी को हवस का शिकार, बलात्कार के 94.63% मामलों में परिचित आरोपी

बेटी बचाये पर किस - किस से और कहां - कहां

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पूर्वी दिल्ली के जगतपुरी में पुलिस ने एक पिता को गिरफ्तार किया है इस पर इलज़ाम है कि वह अपनी नाबालिग़ लड़की से अपनी पत्नि की अनुपस्थिति में बलात्कार करता था । इस मानवीयता को शर्मसार करने वाली घटना में पिता के नाम पर ये कलंक व्यक्ति लगभग पिछले डेढ़ साल से अपनी नाबालिग़ लड़की को अपनी हवस का शिकार बना रहा था और किसी को बताने पर उसको जान से मारने की धमकी भी दे रहा है।

 मां को बयां की दर्द की दास्ताँ 
पुलिस के अनुसार, ये मामला शनिवार रात को तब सामने आया जब लड़की की मां के एक हजार रुपए चारी हो गए। जब मां ने इस बारे में बेटी से पूछा तो बेटी रोने लगी और पिता की सारी काली करतूत को रोते -रोते बयां कर दिया । बेटी की बातें सुनकर माँ के पैरों तले की जमीं खिसक गई और उसने अपने पति के खिलाफ बेटी के पक्ष में जाने की हिम्मत जुटाई ।

मां ने दर्ज कराई रिपोर्ट पुलिस में 

अपनी बेटी के साथ हुई वारदात के लिए ज़िम्मेदार अपने ही पति के खिलाफ पुलिस थाने पहुंची और वहां उसने रिपोर्ट दर्ज कराई। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 376/4 पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर के पिता के नाम पर कलंक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया । जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

काउंसलिंग हो रही है नाबालिग पीड़िता की
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नाबालिग पीडिता बच्ची नौंवी कक्षा की छात्रा है। वह इस हादसे के पश्चात से एक एनजीओ के पास है और वहां पर उसकी काउंसलिंग करवाई जा रही है।

बलात्कार के ज्यादातर मामलों में बलात्कार के आरोपी अधिकतर घर वाले या पहचान वाले – रिपोर्ट
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की मानें तो यौन अपराधों के मामले में लड़कियों और महिलाएं अनजान और पराये लोगों के मुकाबले अपने रिश्तेदारों और जान-पहचान के लोगों से कहीं ज्यादा असुरक्षित हैं । एनसीआरबी की एक ताजा रिपोर्ट सामाजिक गिरावट की इस बात को साबित करती है । इस रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार  साल 2016 में बलात्कार के 94.6 प्रतिशत रजिस्टर्ड मामलों में बलात्कार का आरोपी कोई और नहीं, बल्कि पीड़िओं के परिचित थे जिनमें ज्यादातर उनके दादा, पिता, भाई और बेटे तक शामिल हैं ।

94.63% मामलों में आरोपी है परिचित
‘भारत में अपराध 2016’ एनसीआरबी की सालाना रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल के अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट), भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 376 एवम इनकी अन्य संबंद्ध धाराओं के तहत बलात्कार के कुल 38,947 मामले दर्ज किये गये और इन मामलों में से 36,859 प्रकरणों में पीड़िता लड़कियों और महिलाओं के परिचितों पर ही उन्हें हवस का शिकार बनाने के आरोप लगाये । एनसीआरबी इस रिपोर्ट के आंकडों के अनुसार वर्ष 2016 में बलात्कार के 630 मामलों में पीड़िताओं के साथ उनके अपने सगे-संबंधी दादा, पिता, भाई और बेटे ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया, जबकि 1,087 ऐसे प्रकरण है जिनमे उनके अन्य नजदीकी संबंधियों ने उनकी अस्मत को तार-तार किया ।

पडोसियों की संख्या भी कम नहीं
पिछले साल के 2,174 मामलों में पीड़िताओं के रिश्तेदार इनसे बलात्कार के आरोप की जद में आये, और 10,520 प्रकरणों में पीड़िताओं ने अपने पडोसियों पर दुष्कर्म  की प्राथमिकी दर्ज करवाई ।

नौकरी करने वाली महिलाएं भी सुरक्षित नहीं
ऐसा नहीं है कि पड़ोसियों पर ही आरोप है, इनके अलावा नियोक्ताओं और सहकर्मियों पर भी 600 मामलों में बलात्कार का आरोप लगाया गया । ये आंकड़े ये बात सोचने पर मजबूर कर देते है कि हमारे आस-पास में भी रक्षक नहीं भक्षक ही बसते हैं ।

लिव-इन रिलेशनशिप, पति और पूर्व पति भी है आरोपी
एनसीआरबी की इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में महिलाओं के लिव-इन पार्टनर, पतियों और पूर्व पतियों पर 557 मामलों में दुष्कर्म के मामले रजिस्टर्ड हुए हैं । शादी का वादा कर के महिलाओं से बलात्कार के 10,068 मामले दर्ज किये गये । यह रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल बलात्कार के अन्य 11,223 रजिस्टर्ड मामलों में भी पीडिता आरोपियों से किसी न किसी तरह से परिचित थीं ।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने चिंता जताई –
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस रिपोर्ट के आंकडों पर चिंता जताते हुए कहा कि हमारे समाज में लड़कियों पर हमेशा से ढेर सारी पाबंदियां लगायी जाती रही हैं, लेकिन यह अब बहुत हो गया ।  अब वो वक्त आ गया है कि हर घर में अपने लड़कों को बचपन से ही सिखाया जाये कि उन्हें देश के सामाजिक मूल्यों के अनुसार अपने परिवार और इससे बाहर की लड़कियों और महिलाओं से किस तरह का व्यवहार करना चाहिए ।

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