उदयपुर: सेक्टर-14 मैन रोड से पांच महीने से लापता एकलिंगढ़ छावनी के जवान सीकर जिले के गुढ़ा महरोली निवासी विक्रम सिंह शेखावत को तलाश करने के लिए उनके पूर्व फौजी पिता भंवर सिंह दर-दर भटक रहे हैं। लेकिन पुलिस की जांच एक जगह ही अटकी हुई है। भंवर सिंह अपने बेटे की तलाश में खुद फोटो लेकर घर से निकलते हैं और बाजार, हाइवे, घर-घर जाकर बेटे के बारे में पूछ रहे हैं।
यहां तक कि पोस्टर छपवाकर भी बांटे गए। वह कह रहे हैं कि बेटे के साथ कोई अनहोनी भी हुई हो तो भी बता दें लेकिन कही से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। 4 जनवरी को विक्रम को बेटी हुई लेकिन उसके गुम होने से खुशी भी अधूरी सी रह गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गृह मंत्री के गृह क्षेत्र से एक आर्मी का जवान अचानक गायब हुआ और पुलिस-आर्मी को पांच माह बाद भी कुछ पता नहीं। आर्मी के जवान की ऐसी हालत है तो आम आदमी का क्या होगा। इधर पुलिस के पास जवान की आखिर लोकेशन चुंगी नाका पर सीसीटीवी में आई थी, इसके बाद से कुछ भी पता नहीं चला है।
सब्जी लेने की बात कह निकला था क्वार्टर से
विक्रम सिंह 29 अक्टूबर 2017 को सब्जी लेने की बात कह शाम 7.30 बजे एकलिंगगढ़ छावनी के क्वार्टर से निकला था। उस रात सेक्टर 14 स्थित शराब की दुकान के पास कुछ लड़कों से झगड़ा भी हुआ था। वह जब आखिरी बार देखा गया तो उसके सिर में चोट थी और पट्टी बंधी थी। चोट का उपचार कराने के लिए वह खुद शांति राज हॉस्पिटल में भी गया था। उस रात से ही विक्रम सिंह लापता है।
जनवरी महीने में परिजनों की मांग पर बदले जांच अधिकारी
सूरजपोल थाने में दर्ज गुमशुदगी पर थाना पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं होने पर परिजनों ने गृहमंत्री को प्रार्थना पत्र पेश कर जांच अधिकारी को बदलवाया था। बाद में परिजनों की इच्छानुसार जनवरी के दूसरे सप्ताह में जांच नाथद्वारा डिप्टी कानसिंह भाटी को दी गई थी। डिप्टी कानसिंह से बात की तो उन्होंने भी यही कहा कि जांच कर रहे हैं लेकिन अभी कुछ कहने की हालत में नहीं है। राजसमंद पुलिस को भी मामले में कुछ हाथ नहीं लगा।
रिटायर्ड फौजी पिता ने उदयपुर और राजसमंद पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
-29 अक्टूबर की रात को कुछ युवकों से झगड़ा हुआ था पुलिस जितेन्द्र सिंह भाटी, भरत कुमार और जतिन मठ्ठा से पूछताछ की थी। पिता ने कहा मामूली पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया, जबकि तीनों विक्रम के साथ ही था।
-आखिर लोकेशन चुंगी नाका स्थित एक हार्ड वेयर की दुकान के सीसीटीवी में कैद हुई, उसके थोड़ा सा आगे महिला स्मृति बैंक के दो रास्तों पर लगे सीसीटीवी में विक्रम नजर नहीं आया। विक्रम को कोई वाहन में बिठाकर ले गया होगा इसलिए बैंक वाले सीसीटीवी में कैद नहीं हुआ। पुलिस ने यह जांच नहीं की।
-मेवाड़ रेस्टोरेंट के सामने से विक्रम ने अपने दोस्त की बाइक समझ किसी अन्य की बाइक उठा ली थी जिससे वहां भीड़ जमा हुई और पुलिस भी आई थी। चोरी के अारोप में लोगों ने पिटाई की होगी लेकिन रेस्टोरेंट में सीसीटीवी खराब होना बताए और मालिक ने कोई जवाब नहीं दिया।
-सिर में चोट लगने से शांति राज हॉस्पिटल में उपचार के लिए विक्रम गया था। पहले नर्स ने कहा कि अकेला आया था बाद में बोली विक्रम दो युवकों के साथ आया था। आखिर उसके दो बयान कैसे हुए।
पुलिस ने कहा बाइक से गिरने से सिर में चोट आई, दुर्घटना होने पर सिर के बिलकुल पीछे वाले हिस्से में चोट कैसे लग सकती है।
-नाथद्वारा पुलिस की जांच भी उदयपुर पुलिस की जांच तक ही आखिर क्यों अटकी हुई है।
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