नई दिल्ली: नई कार खरीदने की योजना बना रहे ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। 1 दिसबंर से हर नई कार में FASTag नाम की डिवाइस लगी मिलेगी। FASTag एक रिचार्जेबल कार्ड है जिसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कार की विंडस्क्रीन पर लगने वाले इस कार्ड का इस्तेमाल टोल टैक्स भरने में होगा। यानी आपको अब कैश या कार्ड से पेमेंट करने की जरूरत नहीं है।
FASTag के जरिए टोल टैक्स का पेमेंट ऑटोमैटिकली हो जाएगा। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने 1 दिसंबर से हर नई कार में इस डिवाइस को लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह काम कार निर्माता कंपनी या अधिकृत डीलर्स को करना होगा। इस टैग के जरिए टोल बूथ पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। वाहन के मालिक को यह FASTag प्रीपेड अकाउंट से लिंक कराना होगा। वर्तमान कार चालक भी इस कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह कार्ड उन्हें चुनिंदा बैंक या टोल बूथ से खरीदकर कार की विंडस्क्रीन पर लगाना होगा। सरकार ने यह फैसला अपनी इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन योजना के तहत लिया है। वर्तमान में देशभर में स्थित सभी 370 टोल प्लाजा पर कम से कम एक लेन ऐसी होगी जो FASTag वाले वाहनों के लिए होगी। धीरे-धीरे यह सुविधा सभी लेन में दे दी जाएगी।
मारुति सुजुकी ने अक्टूबर 2017 में बेचे 1.36 लाख वाहन, सबसे ज्यादा बिकी Dzire
भारत की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अक्टूबर में हुई वाहनों की बिक्री के आंकड़े जारी किए हैं। कंपनी ने पिछले साल के मुकाबले इस साल अक्टूबर में 9.9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ घरेलू बाजार में 1.36 लाख यूनिट वाहन बेचे। पिछले साल यह आंकड़ा 1.2 लाख के करीब था। अक्टूबर के साथ वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की शुरुआत हुई है। मारुति सुजुकी डिजायर और मारुति सुजुकी बलेनो के साथ कंपनी की कॉम्पैक्ट कारों की मांग में 24.7 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
कॉम्पैक्ट स्पेस में कंपनी ने 62480 यूनिट की बिक्री की। इसमें स्विफ्ट, इग्निस और सेलेरियो जैसी कारें भी शामिल थीं। हालांकि मारुति सुजुकी ऑल्टो और वैगनआर जैसे मिनी सेगमेंट की बिक्री में 4.2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इस सेगमेंट में अक्टूबर में 32,490 वाहन बिके। फेस्टिव सीजन के कारण अक्टूबर में मारुति सुजुकी के यूटिलिटी व्हीकल की भी काफी बिक्री हुई। इसमें मारुति सुजुकी विटारा ब्रेजा और मारुति सुजुकी एस-क्रॉस जैसी कारें शामिल रहीं। कंपनी के लिए दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2017) भी सबसे सफलतम रही थी। इन तीन महीनों में कंपनी ने 4 लाख 92 हजार से ज्यादा वाहन बेचे थे। यह पिछले साल के मुकाबले 17.6 फीसदी ज्यादा रहा था।
आ गई दुनिया की पहली डेंट प्रूफ कार, ना लगेगी चोट ना आएगी खरोंच
भारत जैसे देशों में जहां सड़कों पर जाम आम समस्या है, वहां कार में डेंट या स्क्रैच का आना एक बड़ी परेशानी होती है। इसे देखते हुए जापान की टोयोडा गोसे (Toyoda Gosei) कंपनी ने दुनिया की पहली डेंट प्रूफ कार ईजाद की है। फ्लेसबाय (Flesby) नामक इस कार को टोक्यो मोटर शो- 2017 में पेश किया गया है। इस कार के चारों तरफ रबर के एयबैग्स दिए गए हैं, जो किसी भी तरह की टक्कर लगने पर खुल जाएंगे और कार को नुकसान से बचा लेंगे। इन एयरबैग्स के चलते किसी राहगीर को भी कार से चोट नहीं लगेगी। कंपनी ने फिलहाल इसे इलेक्ट्रिक मोड पर बनाया है, जिसमें एक व्यक्ति ही बैठ सकता है। यह कार 2030 तक बाजार में आएगी। इस कार को बनाने वाली Toyoda Gosei रबर और प्लास्टिक के आटोमोटिव पार्ट्स बनाती है। कंपनी को 2013 में इस कार को बनाने का आइडिया मिला था।
जुलाई 2019 से हर कार में देने होंगे एयरबैग, स्पीड अलर्ट और पार्किंग सेंसर जैसे फीचर्स
भारत में अब महंगी कारें हों या कम कीमत वाली कार, जल्द ही हर रेंज की कार में एयरबैग, स्पीड अलर्ट और पार्किंग सेंसर जैसे फीचर्स देने अनिवार्य होंगे। ऐसा कारों का सफर और सुरक्षित करने के लिए किया जा रहा है। 1 जुलाई 2019 से भारत में सभी कार निर्माता कंपनियों को को एडवांस सेफ्टी फीचर्स देने होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियों को अपनी कारों में एयरबैग, रिवर्स पार्किंग कैमरा, 80kmph की स्पीड से ज्यादा जाने पर अलर्ट, सीटबेल्ट रिमाइंडर और सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम जैसे फीचर्स देने ही होंगे।
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने पहले ही इसे मंजूरी दे दी है और इसकी टाइमलाइन व आधिकारिक घोषणा भी जल्द की जा सकती है। अभी केवल कुछ ही कार निर्माता कंपनी एंट्री-लेवल कारों में एयरबैग और रिवर्स पार्किंग कैमरा सेंसर जैसे फीचर्स देती हैं। ये फीचर्स या तो विकल्प के रूप में होते हैं या फिर टॉप-एंड वैरिएंट में मिलते हैं। नया नियम लागू होने के बाद हर रेंज की कारों के सभी वैरिएंट में ये सेफ्टी फीचर्स देने होंगे। फिलहाल इस तरह के सेफ्टी फीचर्स प्रीमियम और लग्जरी कारों में ही मिलते हैं। बता दें कि साल 2016 में सड़क दुर्घटना में 74 हजार से 1.51 लाख लोगों की मौत तेज रफ्तार के कारण ही हुई थी। नई कारों में ऐसा सिस्टम लगाया जाएगा कि 80 kmph की स्पीड पार करते ही ड्राइवर को एक ऑडियो अलर्ट मिल जाए। 100 kmph की स्पीड तक पहुंचने पर अलर्ट और तेज हो जाएगा और 120 kmph की स्पीड पर पहुंचने के बाद यह लगातार बजता रहेगा।
स्पेशल रिपोर्ट- विशाल कुमार
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