नहीं थम रही मासूमों की मौत, गोरखपुर के बाद अब फर्रुखाबाद में 49 की मौत

दिलचस्प बात है की ये स्थिति तब है जब लोहिया अस्पताल में नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए हाईटेक तकनीक से युक्त एसएनसीयू व केएमसी वार्ड स्थापित है।

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उत्तर प्रदेश: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मासूमों की मौत का सिलसिला अभी थमा भी नहीं कि एक और खबर आ गई है। यूपी के फर्रुखाबाद जिले के लोहिया अस्पताल में पिछले 30 दिनों में 49 शिशुओं की मौत ने सनसनी मचा दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 49 में से अकेले 30 नवजातों की मौत सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में हुई है। आपको बताते चले कि शिशुओं की मृत्युदर के ये आंकड़े 21 जुलाई से 20 अगस्त के बीच की हैं। इस गंभीर मामले पर जब मीडिया ने सवाल डॉक्टरों से सवाल पूछा तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ मनाकर दिया।

हैरानी की बात हम आपको बताते है गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी के चलते बच्चों की मौत हुई लेकिन प्रशासन ने नहीं माना लेकिन लोहिया अस्पताल में नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए हाईटेक तकनीक से युक्त एसएनसीयू व केएमसी वार्ड स्थापित है। तब ये हाल है तो अब स्वास्थ्य विभाग कहां मुंह छुपाना चाहता है।

गौरतलब है कि शिशु-मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए, जननी सुरक्षा व जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत टीकाकरण, आन कॉल एंबुलेंस व आशाओं की तैनाती भी है। वहीं जन-जागरूकता के नाम पर पोस्टर, बैनर, वॉल पेंटिग जैसे विभिन्न कामों के लिए सरकार करोड़ों पैसा आपकी जेब से लेकर खर्च कर रही है तो उसकी सुविधा आखिरकार क्यों नहीं मिल रही।

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विभागीय आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में लोहिया अस्पताल में 468 नवजात शिशुओं का जन्म हुआ। अस्पताल में प्रसव के दौरान इनमें से 19 बच्चों की मौत हुई है। इस अवधि में गंभीर रूप से बीमार 211 नवजात शिशुओं को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। इनमें से 30 बच्चों की मौत हो गई।

इस बारे में बाल रोग विशेषज्ञ और एसएनसीयू ( सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट) के इंचार्ज डॉ कैलाश दुल्हानी का कहना है कि इस यूनिट में अत्यंत सीरियस मरीज भर्ती होते हैं। ऐसे में 10 से 12 प्रतिशत बच्चों की मौत हो ही जाती है। इसके पीछे लापरवाही कारण नहीं है। आक्सीजन, दवाइयां आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं और बच्चों की देख रेख के लिए नर्सें 24 घंटे उपलब्ध रहती हैं।

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बच्चों की मौत जारी, योगी बोले

वहीं इतनी मौतों पर योगी सरकार का एक बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि एक वक्त आएगा जब जनता अपने बच्चों को सरकार के भरोसे छोड़ देगी और खुद अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेगी। योगी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा सारी जिम्मेदारी सरकार की नहीं होती कुछ कर्तव्य जनता और प्रशासन के भी है जो अपने विभागों में काम कर रही है। एक वाक्या का जिक्र करते हुए योगी ने कहा लोग गाय को घर में रखेंगे, दूध बेचेंगे, लेकिन सड़क पे छोड़ देंगे कि इनको सरकार देखे. मेरे पास शिकायतें आती हैं, विधायक कहते हैं कि गांव में गोशाला खोल दें। मैंने कहा वाह दूध पिओगे तुम और घास लाने और गोबर उठाने का काम सरकार करेगी।

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