किसान 27 फरवरी को जिले भर के तहसील कार्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे

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हनुमानगढ़। रबी-खरीफ-2021 का बीमा क्लेम जारी करने की मांग को लेकर किसान 27 फरवरी को जिले भर के तहसील कार्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद सात मार्च को किसान कृषि यंत्रों के साथ नोहर के उपखण्ड कार्यालय का घेराव करेगा। घेराव के साथ बेमियादी समय के लिए पड़ाव भी डाला जाएगा। इस संबंध में सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में मंगेज चौधरी ने बताया कि पिछले दिनों 16 जनवरी को नोहर में किसानों की ओर से उपखण्ड कार्यालय के समक्ष महापड़ाव डाला गया था। 57 दिनों से धरना चल रहा है। इसके बावजूद न तो आज तक किसानों के खातों में रबी-2021 का बीमा क्लेम भी आधा- अधूरा डाला गया है। खरीफ-2021 का क्लेम भी आधा-अधूरा डाला गया है। कई पंचायतों में सैटेलाइट व्यवस्था लागू कर केन्द्र-राज्य सरकार व बीमा कंपनी मिलकर बड़ा घपला करना चाहते हैं। इसके खिलाफ किसान सभा की ओर से लगातार लड़ाई लड़ी जा रही है।

चौधरी ने बताया कि पिछले दिनों 27-28 जनवरी को दो दिन पाला गिरा । उससे पहले जनवरी के प्रथम सप्ताह में पाला गिरा। उस पाले से सरसों-चने की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी। खराब हुई फसलों की रिपोर्ट जिला कलक्टर की ओर से सार्वजनिक नहीं की गई। जिला कलक्टर कह रही हैं कि 33 प्रतिशत से कम खराबा है। लेकिन ऐसी कई ग्राम पंचायतें हैं जहां सरसों की फसल सौ फीसदी खत्म हो गई। इस कारण किसानों ने सरसों की फसल पर कृषि यंत्र चलाकर उसे नष्ट कर दिया। चौधरी ने कहा कि एक तरफ जिले का किसान दुखी है कि उसकी फसल बर्बाद हो गई, दूसरी तरफ जिला कलक्टर ने बीमा कंपनी के पक्ष में आदेश जारी किया कि जिन किसानों की दस एकड़ से ज्यादा फसलें हैं, उनके खेतों में जाकर यह जांच की जाए कि इन किसानों ने यह फसल बोई थी या नहीं। फसल के हालात क्या हैं। चौधरी ने कहा कि प्रशासन इस तरह की जांच करे कोई नहीं लेकिन इससे पहले यह रिपोर्ट तो सार्वजनिक करे कि किसानों की फसलों में कितना नुकसान हुआ है।

चौधरी ने आरोप लगाया कि 2016 के बाद सैकड़ों ऐसे मामले हैं जिनमें बीमा कंपनी ने जिले में करोड़ों रुपयों का गबन किया है। नए जिला कलक्टर के आने के बाद बीमा कंपनी ने किसानों की करीब तीन हजार पॉलिसियां रिजेक्ट कर दीं। ’उन्होंने कहा कि प्रशासन की किसी भी तरह से बीमा कंपनी पर लगाम नहीं है। लगातार किसान पर लगाम कसने का प्रयास किया जा रहा है। इसे किसान कतई सहन नहीं करेगा। उन्होंने घोषणा की कि अगर 27 फरवरी से पहले किसानों के खातों में बीमा क्लेम नहीं आता है तो 27 फरवरी को पूरे जिले का किसान तहसील कार्यालयों पर प्रदर्शन करेगा। इसके बाद 7 मार्च को किसान कृषि यंत्रों के साथ नोहर के उपखण्ड कार्यालय का घेराव करेगा। घेराव के साथ बेमियादी समय के लिए पड़ाव भी डाला जाएगा। चौधरी ने प्रशासन को चेताया कि किसानों पर शिकंजा कसने की बजाए बीमा कंपनी पर लगाम कसी जाए।

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