Farmers Protest 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश में एक बार फिर से किसान आंदोलन होने जा रहा है। हरियाण-पंजाब से किसान निकल चुके है दिल्ली के लिए जिनकी वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। इधर, दिल्ली प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए सड़कों पर लोहे के किले, बैरिकेड्स आदि लगा चुके हैं। किसानों के कूच को लेकर दिल्ली पुलिस भी हाईअलर्ट पर है। इसके लिए तैयारी कर रहे हैं। पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ने का अभ्यास करती दिखी। जानें इस आर्टिकल में कौन-कौन है किसान संंगठनों बड़े चेहरे और उनकी मांगें क्या हैं? और कितने संगठन आ रहे हैं साथ में?
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आंदोलन में कौन-कौन से संगठन आए साथ
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 13 फरवरी से किसान आंदोलन का ऐलान किया हुआ है। तो वहीं संयुक्त किसान मोर्चा SKM ने 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद और औद्योगिक बंद का ऐलान किया हुआ है। असल में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सफल आंदोलन के बाद SKM में टूट हुई थी और कई किसान संगठनों ने SKM से दूरी बनाई थी, मौजूदा वक्त में जो किसान संगठन इसमें बचे हुए हैं, उन्होंने 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का ऐलान किया हुआ है। इसमें SKM के साथ केंद्रीय ट्रेड यूनियन भी शामिल हैं।
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कौन-कौन है किसान आंदोलन मुख्य चेहरे
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के प्रमुख चेहराें की बात की जाएं तो इसमें जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़, अमरजीत सिंह मोहड़ी, दिलबाग सिंह हरिगढ़,शिवकुमार शर्मा कक्का जी,राजिंदर सिंह चाहल, सुरजीत सिंह फूल, सुखजीत सिंह हरदोझंडे, गुरध्यान सिंह भटेड़ी, सुखजिंदर सिंह खोसा, गुरमनीत सिंह मांगट, रंजीत राजू, राहुल राज जैसे किसान नेता शामिल हैं।
क्या है किसान आंदोलन की मांगे
- सभी फसलें MSP पर खरीदी जाएं, MSP गारंटी कानून बनाई जाएं और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव तय किए जाएं।
- किसानों और मजदूरों की पूर्ण कर्जमुक्ति की जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूरे देश में फिर से लागू किया जाए. भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की लिखित सहमति और कलेक्टर रेट से 4 गुना मुआवजा देने की व्यवस्था हो।
- लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को सजा और पीड़ित किसानों को न्याय मिले।
- विश्व व्यापार संगठन से भारत बाहर आए. सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
- किसानों और खेत मजदूरों को पेंशन दी जाए।
- दिल्ली किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को एक लाख का मुआवजा और नौकरी दी जाए.
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
- मनरेगा से प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार, 700 रुपये का मजदूरी भत्ता दिया जाए। मनरेगा को खेती के साथ जोड़ा जाए।
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां, खाद बनाने वाली कंपनियों पर सख्त दंड और जुर्माने का प्रावधान हो और बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाएं।
- मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
- संविधान की 5 सूची को लागू किया जाए और जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित करते हुए आदिवासियों की जमीन की लूट बन्द की जाए।
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