हनुमानगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हनुमानगढ़ में किसानों ने काला दिवस मनाया। किसानों ने कलेक्ट्रेट पर पीएम मोदी, हरियाणा सीएम खट्टर और हरियाणा गृहमंत्री अनिल विज का पुतला फूंका। इससे पहले खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले युवा किसान को श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियां देश के किसान-मजदूर के खिलाफ हैं। पूरे देश में किसानों की स्थिति खराब होती जा रही है। किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। हिन्दुस्तान की खेती बुरी तरह से बर्बाद हो रही है। उन्होंने कहा कि असल में यह लड़ाई किसान को बचाने की है। लड़ाई किसान की जमीन व फसल को बचाने की है। किसान से उसकी जमीन व फसल की कीमत छीनने की तैयारी है।
किसान अपने हक की बात कर रहा है। वह चाहता है कि पूंजीपतियों की लूट पर अंकुश लगे। दूसरी तरफ देश का प्रधानमंत्री पूंजीपतियों के गिरवी रखा हुआ है। पूंजीपति जिस तरह का कानून चाहते हैं, मोदी सरकार उस तरह का कानून लाती है। आज सरकारों ने यह हालात बना दिए हैं कि रोजी-रोटी का कोई साधन नहीं है। लोकतंत्र होते हुए किसान सड़कों पर बैठने को मजबूर है। वक्ताओं ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने दिल्ली कूच कर रहा है, लेकिन सरकार सड़क पर कील लगाकर उनका रास्ता रोक रही है। अब किसानों पर गोलियां चलाई जा रही हैं। जैसे किसी दुश्मन देश के साथ युद्ध हो रहा है। जो लोग किसान परिवारों से जुड़े हुए हैं उनका कहना है कि सरकार की ओर से 22 फसलों पर एमएसपी दी जा रही है, लेकिन वह सिर्फ कागजों में ही है।
किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। फसलों का नुकसान हो जाए तब भी मुआवजे की व्यवस्था इस देश में नहीं है। इसके खिलाफ किसानों को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी। पार्टीबाजी छोड़कर किसानी की बात करनी होगी। किसानी की बात पर एकजुट होना होगा। इस मौके पर रेशम सिंह माणुका, रायसाहब चाहर मल्लड़खेड़ा, सद्दाम हुसैन, रघुवीर वर्मा, रामेश्वर वर्मा, मनीष मक्कासर, लखवीर सिंह, आत्मासिंह, शेर सिंह शाक्य, यश चिलाना, मनप्रीत कौर, बलविन्द्र सिंह बराड़, शिवकुमार, मुकद्दर अली, अफसर अली आदि मौजूद थे।
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