हनुमानगढ़। क्षेत्र के किसानों को इस समय गेहूं की खरीद प्रक्रिया में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का आरोप है कि उनकी फसल की न तो समय पर खरीद हो रही है और न ही तुलाई की प्रक्रिया समय पर पूरी की जा रही है, जिससे वे आर्थिक संकट में फंसते जा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले जिला परिषद डायरेक्टर मनीष मक्कासर के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपने पहुंचा। ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की है कि गेहूं की खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित किया जाए। किसानों ने आरोप लगाया कि हरियाणा और पंजाब के बाहर के किसान, जो कि बोनस के हकदार नहीं हैं, वे हनुमानगढ़ आढ़तियों के साथ सांठगांठ कर यहां अपनी फसल पहले बेच रहे हैं। इससे स्थानीय किसानों की फसल मंडियों में उपेक्षित रह रही है, जिसकी तुलाई और खरीद समय पर नहीं हो पा रही। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग की कि पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर नाके लगाकर बाहरी राज्यों से आने वाली गेहूं की आवक को रोका जाए ताकि हनुमानगढ़ क्षेत्र के किसानों को प्राथमिकता दी जा सके। किसानों का कहना है कि यदि समय रहते सरकार ने कदम नहीं उठाए तो स्थानीय किसान आर्थिक रूप से और अधिक संकट में आ जाएंगे।
मनीष मक्कासर ने कहा, हमारे किसानों की मेहनत का मोल मिलना चाहिए। अगर बाहर से गेहूं आकर पहले बिकेगा और हमारे किसानों की फसल खुले में सड़ती रहेगी, तो यह अन्याय होगा। सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। ज्ञापन में यह भी अनुरोध किया गया कि जिन किसानों की फसल मंडियों में पहुंच चुकी है, उनकी तुलाई व थैलों पर टांके शीघ्र लगाए जाएं और खरीद प्रक्रिया को तेज किया जाए। ज्ञापन सौंपने के दौरान मनीहष मक्कासर, शाहरूख खान, पाल सिंह, विकास, अनुप चौधरी, संदीप ढिल्लो, हैप्पी बुटर, आरिफ, जसप्रीत अराईयावाली, भोला नेहरा सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे और उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन किया जाएगा।
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