देखिए वीडियो: क्या सच में पुलिसवालों ने किसानों के कपड़े उतरवाकर उन्हें पीटा

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सोशल मीडिया से: किसानों पर अत्याचार की कहानी से सभी वाकिफ फिर चाहें आप हम हो या सरकारें। सब बारी-बारी से उन दर्द पर मलहम लगाने पहुंच जाती है। अब यहां हम किसान का जिक्र इसलिए कर रहे हैं कि क्योंकि एक सोशल मीडिया वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें राहुल गांधी तक ने कंमेट कर डाला। इसका मतलब मामला गंभीर ही होगा।

चलिए आपको बताते हैं ऐसा क्या हुआ कि किसानों का मुद्दा सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलने लगा। दरअसल, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले से एक मामला सामने आया है। कथित रूप से यहां पुलिसवालों ने किसानों के एक समूह को पीटा और उनके कपड़े उतरवा दिए। उन्हें पुलिस स्टेशन के बाहर देखा जा रहा है। ये ही वीडियो आग की तरह ट्विटर, व्हाट्सएप और फेसबुक पर फैला हुआ है।

खबरों के अनुसार, तीन अक्टूबर को दस हजार से ज्यादा किसान टीकमगढ़ जिले में प्रोटेस्ट कर रहे थे। उनकी मांग थी कि जिले को सूखा ग्रसित घोषित किया जाए। इस किसान आंदोलन की कमान टीकमगढ़ के पूर्व कांग्रेस विधायक और मंत्री यादवेंद्र सिंह और विपक्ष के नेता अजय सिंह संभाल रहे थे। कांग्रेस समर्थक चाह रहे थे कि डीएम ऑफिस से बाहर आएं और किसानों की मांगें सुनें। लेकिन डीएम ने ऑफिस से बाहर आने से मना कर दिया। बहुत देर बाद डीएम बाहर आए पर तब तक किसानों ने ऑफिस के बाहर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया था। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस और लाठी का इस्तेमाल किया। पुलिस ने बहुत से किसानों को हवालात में भी डाल दिया और उसके बाद उनके अंडरवियर पहने हुए वीडियो वायरल हो रही है।

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ऐसा ही मामला कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कीटनाशक के जहर से 18 किसानों की जान चली गई। करीबन 24 की दृष्टिहीन हो गए अब भी 600 से ऊपर किसानों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की इन दोनों घटनाओं पर राहुल गांधी ने ट्वीट्स किए। उन्होंने लिखा, ‘यवतमाल में किसानों की हुई मौत से बहुत दुखी हूं। महाराष्ट्र में किसानों को जहर दिया जा रहा है और मध्यप्रदेश में उनके कपड़े उतरवाकर उन्हें पीटा जा रहा है।’

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गांधी के ट्वीट पर सफाई देने के लिए राज्य गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि किसी भी किसान को पुलिस स्टेशन में पीटा नहीं गया है। ये भी कहा कि सरकार ने इन रिपोर्ट्स को गंभीरता से लिया है। कपड़े उतारने और पीटने के आरोपों की जांच जाएगी।

डीएम अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने भी किसानों की सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें देखीं लेकिन जांच के बाद ही पता चलेगा कि किसानों ने खुद अपने कपड़े उतारे थे या पुलिसवालों ने उतरवाए थे। पुलिस स्टेशन इन-चार्ज आर. पी. चौधरी ने बताया कि उन्हें नहीं पता किसने किसानों को कपड़े उतारने को कहा वे उस वक्त पुलिस स्टेशन में नहीं थे, जबतक वे आए तबतक किसान जा चुके थे।

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