बच्चों को समझाएं गुड टच-बैड टच में अन्तर : सीआई मोनिका बिश्नोई

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ग्राम पंचायत दो केएनजे में महिला सशक्तिकरण पर श्री अन्नपूर्णा आध्यात्मिक सेवा समिति का आयोजन
हनुमानगढ़। श्री अन्नपूर्णा आध्यात्मिक सेवा समिति की ओर से ग्राम पंचायत दो केएनजे के आंगनबाड़ी केन्द्र में महिला सशक्तिकरण पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। समिति अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद शर्मा, सचिव प्रदीप पाल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने महिलाओं को उन पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया। कार्यक्रम की खास बात यह कि महिला सशक्तिकरण पर आयोजित कार्यक्रम में मंच पर महिला शक्ति विराजमान थी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महिला थाना प्रभारी मोनिका बिश्नोई, समाजसेवी प्रो. सुमन चावला, राजस्थान ब्राह्मण महासभा प्रदेश सचिव दुर्गा शर्मा ने शिरकत की। विशिष्ट अतिथि बाल कल्याण अधिकारी उप निरीक्षक रेणुबाला व सखी सुरक्षा योजना प्रभारी उप निरीक्षक संध्या बिश्नोई थी। इसके अलावा अखिल भारतीय सर्व भाट समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामप्रताप भाट, अखिल भारतीय सर्व भाट समाज महासभा अध्यक्ष विजय कुमार, ओम बन्ना टाइगर फोर्स जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह, संभाग प्रभारी श्याम प्रताप सिंह भी मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला पुलिस थाना प्रभारी मोनिका बिश्नोई ने कहा कि महिलाएं अपनी समस्याएं पुलिस को खुलकर बता सकें, इसके लिए सभी पुलिस थानों में महिला पुलिस अधिकारी-कर्मचारी की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा पुलिस थानों में महिला व बाल कल्याण अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। इस पद पर ज्यादातर महिला अधिकारी तैनात की जाती है। थाना में जाने वाली कोई भी परिवादी महिला व बाल कल्याण अधिकारी के समक्ष अपनी व बच्चों की समस्या रख सकती है। इसके अलावा पुलिस हैड क्वार्टर की ओर से महिला सखी के नाम से हर थाना स्तर पर योजना शुरू की गई है। इसी हर माह एक बैठक होती है। कानून के बारे में जानकारी लेनी हो या कोई भी समस्या हो तो महिला सखी की बैठक में रखी जा सकती है। थाना प्रभारी ने कहा कि पुलिस हैड क्वार्टर, सरकार महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए काफी गंभीर है लेकिन सबसे पहले हमें इसकी शुरूआत अपने घर से करनी पड़ेगी। क्योंकि कोई भी बच्चा जब घर से बाहर निकलता है। स्कूल-कॉलेज जाता है तो सबसे पहले अपने परिवार के सम्पर्क में होता है। आजकल बच्चियों के साथ जो घटनाएं घट रही हैं उनसे बचाने के लिए परिवार के सदस्य बच्चों को जागरूक करें। उन्हें गुड टच व बैड टच का अन्तर समझाएं। समाजसेवी प्रो. सुमन चावला ने कहा कि कोई भी समाज या परिवार बिना महिला के नहीं चला सकता। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। बेटा-बेटी में किसी प्रकार का भेदभाव न करें। बच्चों को सीख दें कि वे अपने परिवार में बड़ों की इज्जत करें।

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