संवाददाता शाहपुरा। शाहपुरा भीलवाड़ा शांति और सौहार्द की कामना के साथ फुलिया गेट स्थित ईदगाह पर सैकड़ों मस्तक पैगंबर मोहम्मद साहब के सम्मान में झुके एवं परंपरा के अनुसार फुलिया गेट से गाजे बाजे के साथ शहर काजी घोड़े पर सवार हो कर इबादत स्थल ईदगाह पहुंचे और ईद की नमाज अदा कराई जानकारी के अनुसार इस्लामिक मान्यताओं अनुसार ईद उल फितर की शुरूआत जंग-ए-बद्र के बाद हुई थी। दरअसल इस जंग में पैगंबर मुहम्मद साहब के नेतृत्व में मुसलमानों को जीत हासिल हुई थी। युद्ध जीतने की खुशी जाहिर करने के लिए लोगों ने ईद का पर्व मनाते हैं ईद-उल-फितर इस्लाम का पावन त्योहार है। इसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। रमजान के बाद 10वें शव्वाल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है। ईद मनाने की तारीख चांद को देखकर निश्चित होती है। ईद का चांद दिखने के बाद ईद मनाई जाएगी। ईद-उल-फितर पर मुस्लिम समुदाय के घर-घर में खीर और खासतौर पर सेंवईया बनाई। लोगो ने एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी।
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