धूमधाम से जिले में मनाया ईद मिलादुन्नबी

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हनुमानगढ़। जिले में ईद मिलादुन्नबी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर पांकी सरकार की आमद मरहबा, नारे तकबीर के नारों से गूंजता रहा। गौरतलब हो कि ईद मिलादुन्नबी ईस्लाम के आखरी नबी और अल्लाह के प्यारे रसूल हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अलैहि वसल्लम के पैदाईश की खुशी में मनाया जाता है। मंगलवार को ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर पूरी खुंजा को आकर्षक ढंग से सजाया गया। मुख्यालय स्थित खुंजा मस्जिद से जुलूसे मोहम्मदी निकाला गया। जुलूस का आगाज मौलबी गुलाम फरीद कादरी, हाफिज अत्ताउर रहमान मिसवी, गुलाम किबरिया, पार्षद अब्दुल हाफिज द्वारा क्षेत्र, राज्य व देश के अमन चैन की दुआ के साथ हुआ। बाद में जुलूस खुंजा की मुख्य मुख्य गलियों से होते हुए पुनः साय को मस्जिद के पास आकर समाप्त हो गया। जुलूस के उपरांत मस्जिद परिसर में मिलादे पाक का आयोजन किया गया। मिलादे पाक में मुसलमानों को नसीहत करते हुए मौलबी गुलाम फरीद कादरी ने कहा कि ईस्लाम पूरी दुनिया का रहबर बन कर सामने आयेगा। अल्लाह के प्यारे नबी मोहम्मद मुस्तफा ने आज से करीब 1400 साल पहले ही बेटियों को बचाने और उनकी हिफाजत करने का फरमान जारी कर दिया था। आज ईस्लाम में बेटियों को आला मकाम हासिल है। उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि अल्लाह को राजी करने के लिए हमें अल्लाह और उनके प्यारे रसूल के बताये रास्ते पर चलने की जरूरत है। हाफिज अत्ताउर रहमान मिसवी ने कहा कि मुस्लिम समाज का सबसे बड़ा महापर्व ईद मिलादुन्नबी है। जो इंसानियत की खिदमत का पैगाम देता है। पार्षद अब्दुल हाफिज ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब जरूरतमंदों को कभी खाली हाथ नहीं लौटाते थे। वे दीन दुखियों के सच्चे सेवक थे। पैगम्बर ए इस्लाम ने इंसानियत को सर्वोच्च मानते हुए हमेशा अमन और शांति कायम करने का पैगाम दिया। प्रत्येक व्यक्ति को उनकी शिक्षा का अनुसरण करते हुए राह अख्तियार करनी चाहिए। इस मौके पर प्रधान हाजी असलम, बग्गू खान, इसराइल खान, आदिल रज़ा, अफसर अली, इमदाद अली, कारी मुराद अली, अयूब खान व अन्य समाज के लोग मौजूद थे।

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