शाहपुरा क्षेत्र में दर्जनों बाल विवाह, प्रशासनिक तंत्र फेल

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संवाददाता शाहपुरा। शाहपुरा भीलवाड़ा शाहपुरा कस्बा एवं उपखंड क्षेत्र में सामाजिक बुराई बाल विवाह संपन्न हुए प्रशासन बाल विवाह रोकने के प्रयास में नाकामयाब रहा प्रशासन अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा पर विशेष ध्यान रख रहा है जबकि व्यक्ति इस दिन को छोड़कर बाकी सब दिनों में बालविवाह संपन्न करा रहे हैं बाल विवाह धार्मिक स्थल पर आशीर्वाद एवं उत्तम जीवन की कामना लेकर आते हैं और प्रणाम स्वरूप धोकते हैं जबकि कलेक्टर को सरकार ने आदेश दे रखे हैं कि जहां पर भी मामला आएगा अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए हलवाई, पण्डित, बैण्डबाजा, बाराती, ढोलवादक पाण्डाल व टेन्ट लगाने वाले एवं ट्रांसपोर्ट इत्यादि को रोकथाम के लिए निर्देशित किया गया बाल विवाह रोकथाम के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के ग्राम स्तरीय कार्मिकों को जोड़ा जाना साथ ही पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी अध्यापक इत्यादि को बाल विवाह होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने को कहां गया समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेट, पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार, विकास अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी नगर परिषद को निर्देशित कि वे बाल विवाहों की रोकथाम के संबंध में अपने-अपने क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिय समुचित कार्यवाही करें एवं सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही करें बाल विवाहों के आयोजन किये जाने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा-16 के तहत नियुक्त बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों की जवाबदेही नियत की जावेगी एवं जिनके क्षेत्रों में बाल विवाह सम्पन्न होने की घटना होती है, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी गौरतलब है कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए राजस्थान में लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं, रैलियां निकाली जा रही हैं. इसके बावजूद भीलवाड़ा जिले में नाबालिग जोड़ों का बाल विवाह होने के अनेकों मामला सामने आये है. बड़ी बात तो यह रही कि इतना बड़ा कार्यक्रम होता है और किसी को कानों-का खबर तक नहीं लगी. यह घटना प्रशासनिक एजेंसियां जैसे आंगनवाड़ी, चाइल्ड लाइन सहित अन्य पर सवालिया निशान खड़ा कर रही हैं. आपको बता दें कि राजस्थान का भीलवाड़ा जिला बालविवाह के मामले में पूरे देश में सबसे बदनाम है. देश में सबसे ज्यादा बाल विवाह इसी जिले में होते हैं।

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